नई दिल्ली, 1 फरवरी – शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। इस बजट में बैंको बढ़ते घपले के कारण अकाउंट होल्डर्स के पैसे डूबने से बचाने के लिए बड़ा ऐलान किया। बैंक अकाउंट होल्डर्स के अकाउंट की सुरक्षा के लिए डिपॉजिट इंशोरेंस 1 लाख रुपए थी. निर्मला सीतारमण ने इसे बढाकर 5 लाख रुपए कर दिया है।
अगर बैंक डिफ़ॉल्ट करता है तो क्या होगा
नए नियमो के अनुसार बैंक ग्राहकों को 5 लाख रुपए तक की बैंक गारंटी मिलेगी। नया नियम सभी ब्रांचो पर लागु होगा। इसमें मूलधन और ब्याज दोनों को शामिल किया जाता है. ऐसे में राशि पांच लाख से ज्यादा होता है तो 5 लाख की राशि ही सुरक्षित मानी जाएगी।
DICGC एक्ट के अनुसार अगर कोई बैंक डूब जाता है या दिवालिया हो जाता है तो DICGC प्रत्येक जमाकर्ता को भुगतान करने के लिए जिम्मेदार होगा। उसकी जमा राशि पर 5 लाख रुपए तक का बीमा होगा।
PMC बैंक मामले के बाद ऐलान
अगर बैंक में आपकी जमा कुल राशि 8 लाख रुपए है तो बैंक के डिफ़ॉल्ट करने पर 5 लाख रुपए ही सुरक्षित मानी जाएगी। पीएमसी बैंक घोटाले के बाद इस बात की मांग बंद गई थी कि अकाउंट होल्डर्स के डिपॉजिट इंशोरेंस की सीमा बढ़ाई जाये।
कैसे मिलेगा फायदा
गारंटी राशि बढ़ने पर सरकार को कई फायदे होंगे। एक तो लोग बैंक में गारंटी राशि तक पैसा जमा करने पर परेशान नहीं होंगे। इससे लोगो का बैंक से सिस्टम पर विश्वास बढ़ेगा। बैंक में जमा राशि बढ़ेगी और वह आसानी से कर्ज दे पाएगा।