केंद्र सरकार ओडिशा के विकास के लिए बचनबद्ध : मोदी

भुवनेश्वर, 24 दिसम्बर (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यहां कहा कि उनकी सरकार ओडिशा के विकास के लिए पूर्ण रूपेण प्रतिबद्ध है। उन्होंने यहां करोड़ों रुपये की विभिन्न योजनाएं जनता को समर्पित की। प्रधानमंत्री ने लोगों से कहा, “बुनियादी ढांचा से लेकर आम आदमी के विकास के लिए सारे कदम उठाए जा रहे हैं और मैं आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि यह कार्य जारी रहेगा।”

मोदी ने 1,260 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) भुवनेश्वर का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा, “मुझे युवाओं को आईआईटी भुवनेश्वर समर्पित करने का मौका मिला है, जिसपर 1,260 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।”

उन्होंने यहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा, “केंद्र सरकार ओडिशा का चौतरफा विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है।” प्रधानमंत्री ने 14,000 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास भी किया।

उन्होंने लोगों से एकजुट होकर प्रदेश के विकास की दिशा में प्रयास करने की अपील की।

मोदी ने ललितगिरि में एक पुरातत्व संग्रहालय का उद्घाटन किया, जिसमें इलाके में 200 साल पहले बौद्ध उपनिवेश का प्रमाण मिलता है। इसके बाद भुवनेश्वर स्थित ईएसआई अस्पताल में अपग्रेड किए गए 100 बिस्तर वाले वार्ड का भी उन्होंने उद्घाटन किया।

मोदी ने कहा कि भारत के पूर्वी इलाकों में पाइपलाइन के जरिए गैस प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना का तेजी से विस्तार हो रहा है। उन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) की पारादीप-हैदराबाद पाइपलाइन परियोजना (पीएचपीएल) और भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड (गेल) की बोकारो-अंगुल खंड पाइपलाइन परियोजना का उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग-16 स्थित चांडीहोल-भद्रक खंड पर छह-लेन, कटक और अंगुल के बीच चार-लेन, तांगी-पुइनटोला खंड पर छह लेन और खंडागिरी फ्लाईओवर का शिलान्यास किया।

प्रधानमंत्री ने ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के खिलाफ ओडिशा में पाइका विद्रोह के 200 साल होने पर डाक टिकट और सिक्के भी जारी किए।

मोदी ने कहा, “पाइका के नायकों का सम्मान करने के अलावा सरकार दुनिया में ओडिशा की समृद्ध अध्यात्मिक विरासत को दर्शाने की दिशा में कार्य कर रही है।”

इस मौके पर ओडिशा के राज्यपाल गणेशी लाल, मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और केंद्रीय मंत्री जुएल ओरांव, धर्मेद्र प्रधान भी मौजूद थे।

पटनायक ने ब्रिटिश राज के खिलाफ 1817 में हुए पाइका विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन घोषित करने की अपनी मांग दोहराई। उन्होंने बक्सी जगबंधु के सम्मान में ओडिशा के लिए नई ट्रेन चलाने की भी मांग की।

केंद्र सरकार द्वारा पाइका विद्रोह को लेकर एक स्मारक बनाने के प्रस्ताव पर पटनायक ने मुफ्त में जमीन और जरूरी मदद प्रदान करने का आश्वासन दिया।