EPFO के 8. 5 करोड़ शेयरधारकों को केंद्र सरकार देगी, जानिए क्या है पूरा मामला

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन  – सरकार जहां तेज़ी से  विकास कार्य करने में जुटी है। उसी तेज़ी से व्यवस्था को भी ठीक करने में  लगी है । अब सरकार कमर्चारी भविष्य निधि संगठन के 8. 5 करोड़ शेयर धारकों को झटका देने की तैयारी में है । इस झटके से लोगों के पीएफ खाते में जमा रकम पर भी असर पड़ेगा।
वित्त मंत्रालय ने  दिया है प्रस्ताव 
खबरों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ को जो प्रस्ताव दिया है । इसके मुताबिक वो जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज में कटौती करना चाहती है । सरकार का तर्क है कि बैंकों में जो ब्याज मिलता है उससे काफी ज्यादा  पीएफ खाते में मिलता है । इसे बैंक खातों में मिलने वाले ब्याज समान करना होगा।
बैंकों पर हो रहा है असर 
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि बैंक लोन पर लगने वाली  ब्याज दर कम नहीं कर पा रही है।  अभी ईपीएफओ 8.65% की दर से ब्याज दे रहा है । बैंकों से 4  लेकर 6 फीसदी तक ब्याज मिलता है । एफडी पर बैंक 6 से 8 फीसदी तक ब्याज देती है ।
लोन की ब्याज दर है ज्यादा 
बैंकों से जो लोन मिलता है उस पर लोगों को बचत खाते के मुकाबले ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ता है । बैंकों ने फरवरी से अब तक 10-15 बेसिस पॉइंट की कमी की है । आईएलएंडएफएस में ईपीएफओ ने अपना बहुत सारा पैसा निवेश कर रखा है । वित्त मंत्रालय का सवाल है की जब  आईएलएंडएफएस दिवालिया होने वाला है तो क्या  ईपीएफओ के पास मौजूदा साल में इतना फंड है कि वह इस दर पर शेयरधारकों को ब्याज दे सके?
आय से ज्यादा खर्च कर रहा ईपीएफओ 
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक हम पहले भी सरप्लस फंड को लेकर श्रम मंत्रालय के सामने सवाल उठा चुके है । अगर ईपीएफओ डिफ़ॉल्ट करता है तो ग्राहकों  की जिम्मेदारी  सरकार की होगी।  ईपीएफओ के पास फ़िलहाल 8 लाख करोड़ रुपए का फंड है ।