चन्द्रकांत पाटिल ने ‘महाविकास’ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जानें की चेतावनी दी, कहा…

मुंबई: समाचार ऑनलाइन –  यदि हिम्मत है, तो गुप्त मतदान के जरिए बहुमत सिद्ध करें. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने यह ओपन चैलेंज महाविकास गठबंधन को दिया था. इसके साथ ही उन्होंने शपथ ग्रहण को अवैधानिक ठहराते हुए, इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दी है.  मीडिया से बातचीत में उन्होंने यह बयान दिए हैं.

गुप्त मतदान की मांग  –

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने महाविकास गठबंधन को शक्ति परीक्षण करने के लिए 3 दिसंबर की समयसीमा दी थी. इस बीच, सरकार ने आज विधानसभा में शक्ति परीक्षण पास कर लिया है. इस प्रक्रिया के लिए विधानसभा में दो दिवसीय (शनिवार और रविवार) विशेष सत्र बुलाया गया है. इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूर किया गया. महाविकास गठबंधन ने 170 विधायकों के समर्थन का दावा किया था, जिसमें से सरकार को 169 समर्थन मिला है.

महागठबंधन को चुनौती देते हुए, चंद्रकांत पाटिल ने पहले कहा था कि, “अगर सरकार उनके बहुमत में विश्वास करती है, तो गुप्त मतदान करें.” आपके सामने हमारा ओपन चैलेंज हैं. अगर महाविकास गठबंधन के पास 170 प्लस बहुमत है, तो उन्होंने अपने विधायकों को होटल में क्यों रखा?  उनके मोबाइल क्यों छीन लिए?  वे परिवार से भी बात नहीं कर पाएं. मार-कूट के बनाई गई यह सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती. हम मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएँगे.”

नई सरकार नियमों का पालन नहीं कर रही  –

उन्होंने आरोप लगाया कि नई सरकार नियमों का पालन नहीं कर रही है. उन्होंने राज्यपाल द्वारा नियुक्त किए गए मौसमी अध्यक्ष कालिदास कोलंबकर को भी बदल दिया है. अब उनकी जगह अब वालसे-पाटिल को नियुक्त किया गया है.

शपथग्रहण समारोह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी –

मंत्रियों के लिए शपथग्रहण समारोह के दौरान अपने नेताओं के नाम लेना गैरकानूनी है। शपथ विधी की यह एक पद्धति है, जिसके अनुसार शपथ लेनी होती है। लेकिन नई सरकार द्वारा निर्धारित पद्धति के अनुसार शपथ नहीं ली गई थी। अगर राज्यपाल न्याय नहीं देते हैं, तो मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने की चेतावनी भी यहां चंद्रकांत पाटिल ने दी है.

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