शास्तिकर कानून में बदलाव; 600 वर्ग फीट तक ही माफी

नागपुर | समाचार ऑनलाइन

पिंपरी चिंचवड़ में सत्तादल भाजपा के लिए जी का जंजाल साबित शास्तिकर माफी को लेकर इसके कानून में बदलाव लाने के बिल को मंजूरी मिल गई गया। नागपुर में शुरू विधिमंडल के मानसून सत्र में इस बिल को मंजूरी दी गई, जिसके अनुसार सिर्फ 600 वर्ग फीट तक के अवैध निर्माणों के लिए शास्तिकर माफ हो सकेगा। जिस दिन से यह कर लागू किया गया उस दिन से पूर्वलक्षी प्रभाव से यह बदलाव याने माफी लागू होगी। इससे 600 वर्ग फीट क्षेत्र के अवैध निर्माणों को लाभ मिलेगा मात्र इससे ज्यादा क्षेत्र के अवैध निर्माणों को फिलहाल शास्तिकर से छुटकारा नहीं मिल सकेगा।

इस मसले को सुलझाने को लेकर आग्रही रहे सत्तादल के विधायक लक्ष्मण जगताप और महेश लांडगे ने स्पष्ट किया है कि अब शास्तिकर के बारे में फैसले के अधिकार राज्य सरकार के पास आ जाने से आने वाले दिनों में सभी लोगों को शास्तिकर से मुक्त कराने के प्रयास किये जायेंगे। सोमवार की देर रात नगरविकास विभाग के राज्यमंत्री डॉ रणजीत पाटिल ने यह बिल पेश किया। इस पर विधायक शशिकांत शिंदे, सुनील प्रभु, सुनील केदार, जयकुमार गोरे, सुरेश हलवनकर आदि सदस्यों ने चर्चा में हिस्सा लिया। इसमें डॉ पाटिल ने स्पष्ट किया कि, इस बिल के जरिए मनपा और नगरपालिकाओं में एकसूत्रता लाने के लिए सरकार स्तर पर यह फैसला किया गया।

मंजूरी के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर बिल वायरल

इस बिल के जरिए 600 वर्ग फीट क्षेत्र के अवैध निर्माणों को शास्तिकर से अलग रखना तय किया गया है। 600 से एक हजार वर्ग फीट के लिए प्रॉपर्टी टैक्स के 50 फीसदी और उसके आगे ज्यादा क्षेत्र के लिए प्रॉपर्टी टैक्स के दुगुना शास्तिकर वसूलने का फैसला किया गया। मनपा द्वारा किराये से दी गई जमीनों के नवीनीकरण के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इसके अधिकार मनपा के पास रहेंगे। डॉ पाटिल के स्पष्टीकरण के बाद यह बिल मंजूर किया गया। बहरहाल यह बिल मंजूर होते ही पिंपरी चिंचवड़ में सत्तादल भाजपा के विधायकों में श्रेयवाद की होड़ मची रही। दिनभर व्हाट्सएप व सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर बिल की प्रतियां वायरल कर मसला सुलझाने का दावा किया जाता रहा।