छत्रपति उदयनराजे की जमीन का मुआवजा हड़पने की साजिश

आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र बराटे का आरोप
पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज व सातारा से राष्ट्रवादी कांग्रेस के सांसद छत्रपति उदयनराजे भोसले की भोसरी स्थित 25 एकड़ जमीन का मुआवजा हड़पने की साजिश का पर्दाफाश हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र बराटे ने एक संवाददाता सम्मेलन में इसका खुलासा करते हुए भोसरी की उक्त जमीन जो छत्रपति ने बेची नहीं है उसका 250 करोड़ रुपए का मुआवजा या टीडीआर हड़पने की कोशिश करने वाले चिंचवड देवस्थान ट्रस्ट, बिल्डर और अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है। खुद सांसद उदयनराजे ने पिंपरी चिंचवड मनपा आयुक्त को एक पत्र लिखकर दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की सूचना दी है।
आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र बराटे ने संवाददाताओं को बताया कि, सन 1709-10 में सांसद छत्रपति भोसले के पूर्वज शाहूराजे ने नारायण महाराज बिन चिंतामण महाराज को मंगलमूर्ति देव चिंचोर चिंचवड स्थित देवस्थान के लिए 10 जिलों में जमीन सराक्ति इनाम के तौर पर बहाल की। आरटीआई के तहत प्राप्त कागजात से इसमें से किसी भी जमीन की बिक्री का कोई अधिकार उन्होंने देव को नहीं दिए जाने की बात स्पष्ट होती है। चिंचवड देवस्थान ने 1976 से पुणे न्यायालय से सर्वोच्च न्यायालय तक सभी जमीन का वंश परंपरा से उपभोग करने के अधिकार ‘सॉईल ग्रांट’ उन्हें प्रदान किये जाने का एफिडेविट दिया है। जबकि यह जमीन ‘शराकती’ ईनाम की जमीन है जिसमें केवल राजस्व जमा करने के अधिकार होते हैं। मगर उसे ‘सॉईल ग्रांट’ जमीन बताकर अदालत के साथ धोखाधड़ी की जिसके चलते न्यायालय ने देवस्थान के पक्ष में फैसला सुनाया।
भोसरी पर्यटन केंद्र की जिस जमीन का मुआवजा हड़पने की साजिश रची गई है वह पूरी जमीन पानी तले चली गई है। इसके बावजूद देवस्थान ने 29 मई 2008 को प्रतीक अजय चोरडिया के साथ डेवलपमेंट अग्रीमेंट किया। यहां डेवलपमेंट संभव नहीं रहने से इस जमीन को देवस्थान के स्वामित्व की बताकर वैसा प्रॉपर्टी कार्ड में उल्लेखित किया गया। अब डेवलपमेंट अग्रीमेंट के बूते प्रतीक चोरडिया ने इस जमीन के मुआवजे के तौर पर 250 करोड़ रुपए का टीडीआर मांगा। मनपा ने इस प्रस्ताव का विरोध किया तो चोरडिया ने राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल के पास अपील की। यहां भी उचित फैसला न मिलने से मनपा ने उच्च न्यायालय में अपील की और राजस्व मंत्री के फैसले पर स्टे हासिल किया। हालांकि इस स्टे को हटवाने में चोरडिया सफल रहे। अब इस पर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा, ऐसा रविंद्र बराटे ने बताया। बहरहाल सांसद उदयनराजे ने उन्होंने या उनके पूर्वजों द्वारा कोई जमीन नहीं बेचने के बाद भी उसे हड़पने की कोशिश को लेकर नाराजगी जताई। साथ ही भोसरी पर्यटन केंद्र की वह जमीन जिसके मुआवजे के तौर पर 250 करोड़ रुपए मांगे जा रहे हैं, उसे वे सरकार को मुफ्त में दे रहे हैं। यह घोषणा भी उन्होंने की, ऐसा बराटे ने बताया।