रिकॉर्डब्रेक वोटों के लिए मुख्यमंत्री ने चेताया

पुणे : समाचार ऑनलाइन – विधानसभा चुनाव में महायुति के प्रत्याशियों के प्रचारार्थ गुरुवार की शाम पिंपरी चिंचवड़ शहर में पहुंचे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने न केवल महायुति के प्रत्याशियों को रिकॉर्डब्रेक वोटों से जिताने की अपील की बल्कि वोटरों को चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा कि, अगर आपने भाजपा- शिवसेना- आरपीआई- रासपा- शिवसंग्राम संगठन- रयत क्रांति संगठन महायुति के प्रत्याशियों को रिकॉर्डब्रेक वोटों से नहीं जिताया तो 24 अक्टूबर के बाद आपको उसका हिसाब देना होगा।

भोसरी विधानसभा चुनाव क्षेत्र में महायुति के प्रत्याशी महेश लांडगे के प्रचारार्थ रोड शो में शामिल होने के बाद चिंचवड़ विधानसभा चुनाव क्षेत्र से महायुति के प्रत्याशी लक्ष्मण जगताप के प्रचारार्थ रहाटनी के थोपटे लॉन्स में प्रचार सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि, मैं यहां महायुति के प्रत्याशियों को चुनकर देने की अपील के लिए नहीं आया हूँ। बल्कि यह सवाल पूछने आया हूँ कि भारी लीड से जिताने का रिकॉर्ड पिंपरी चिंचवड़ में ही बनाएंगे या फिर किसी और शहर में जाना पड़ेगा? जैसे ही उपस्थित जनसमुदाय ने रिकॉर्डब्रेक वोटों की हामी भरी उसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री ने चेताया कि अगर रिकॉर्ड ब्रेक नहीं हुआ तो 24 के बाद उसका हिसाब लेने आऊंगा।

रोजगार सृजन के मामले में महाराष्ट्र आगे

निवेश के मामले में पांचवें नँबर ओर रहा महाराष्ट्र अब पहले नँबर पर आ गया है। देशभर में गत पांच सालों ने जितने रोजगार का सृजन हुआ है उसका 25 फीसदी सृजन अकेले महाराष्ट्र में हुआ है। 35 लाख रोजगार का सृजन महाराष्ट्र में होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री फडणवीस ने दावे की पुष्टि के लिए केंद्र सरकार की वेबसाइट जांचने की सलाह भी दी। इस सभा के मंच पर चिंचवड़ से भाजपा के प्रत्याशी लक्ष्मण जगताप, भोसरी से भाजपा प्रत्याशी महेश लांडगे, पिंपरी से शिवसेना के प्रत्याशी गौतम चाबुकस्वार, मावल से भाजपा प्रत्याशी बाला भेगड़े, सांसद श्रीरंग बारणे, अमर साबले, महापौर राहुल जाधव, सभागृह नेता एकनाथ पवार, स्थायी समिति सभापति विलास मडिगेरी, लोकशाहीर अण्णा भाऊ साठे महामंडल के अध्यक्ष अमित गोरखे, भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा खापरे आदि मौजूद थे।

शरद पवार की हालत ‘शोले’ के ‘जेलर’ जैसी

इस सभा में मुख्यमंत्री ने दोनों कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, विधानसभा चुनाव के प्रचार को छोड़ कर राहुल गांधी बैंकांक में छुट्टियां मनाने चले गए और शरद पवार की हालत ‘शोले’ फ़िल्म के ‘जेलर’ की भांति हो गई है यानी “आधे इधर जाओ, आधे उधर जाओ बाकी मेरे पीछे आओ”। पीछे मुड़कर देखो तो कोई भी नहीं। पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार शिंदे के थकने और दोनों कांग्रेस के विलय संबन्धी बयान पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि, वे जानकार नेता हैं। दोनों कांग्रेस की अवस्था ऐसी हो जाएगी कि उन्हें नेता प्रतिपक्ष भी चुनने का मौका नहीं मिक सकेगा। क्योंकि नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए 10 फीसदी से ज्यादा सीटें जीतना जरूरी है। शिंदे को गारंटी है कि उतनी सीटें नहीं मिल पाएंगी इसलिए उन्होंने विलीनीकरण की बात कही है।