PM मोदी से भी अधिक वेतन पाते हैं ‘इस’ राज्य के मुख्यमंत्री, जानें किस CM को कितनी मिलती है सैलरी

समाचार ऑनलाइन- देश के लगभग हर जागरूक नागरिक की जिज्ञासा होती है कि जिन नेताओं के हाथों  में देश की बागड़ोर है और जो हजारों-लाखों कर्मचारियों का वेतन डिसाइड करते हैं, उनकी खुदकी सैलरी कितनी होगी? तो आपको बता दें कि ताजा रिपोर्ट्स के अनुसार देश के मुखिया प्रधानमंत्री को हर महीने सैलरी के रूप में 1 लाख 60 हज़ार रुपये मिलते हैं, जबकी राष्ट्रपति को प्रतिमाह 5 लाख रुपए मिलते हैं. लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि देश के ऐसे कई राज्य हैं, जहाँ के मुख्यमंत्रियों को हर महीने प्रधानमन्त्री मोदी से भी ढाई गुना अधिक वेतन मिलता है, जो कि चौकानें वाला है. जी हाँ, यह बात सौ प्रतिशत सही है. आइए आपको बताते हैं ऐसा भारी वेतन पाने वाले विभिन राज्यों के मंत्रियों बारें में…

टॉप 10 हाईएस्ट पैड CM की लिस्ट

1)      तेलंगाना के CM को सर्वाधिक 4 लाख 10 हज़ार का मासिक वेतन मिलता है

2)      दूसरे नंबर पर दिल्ली के CM आते हैं. वे हर महीने 3 लाख 90 हज़ार रुपये की सैलरी पाते हैं.

3)      थर्ड नंबर पर गुजरात के CM हैं. उनका वेतन 3.21 लाख रुपये प्रति माह है.

4)      जबकि चौथे नंबर पर आने वाले CM को 3 लाख रुपये का वेतन प्राप्त होता है, जिनमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश के CM शामिल हैं.

 

इन राज्यों के CM को मिलते हैं 2 से 3 लाख के बीच की सैलरी
सबसे अधिक सैलरी पाने वाले राज्यों 7 सीएम के बाद जिन राज्यों के CM का नंबर आता है, उन्हें हर माह 2 लाख रुपये से ज़्यादा और तीन लाख रुपये कम की सैलरी मिलती है. इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, गोवा, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों के CM  शामिल हैं. सबसे कम सैलरी त्रिपुरा के सीएम को मिलती है, जो एक लाख पांच हज़ार पांच सौ रुपये प्रतिमाह है. सीएम की सैलरी जहां इससे ज़्यादा और दो लाख रुपये से कम है, उनमें ज़्यादातर उत्तर पूर्व के राज्य शामिल हैं. ओडिशा के सीएम का वेतन प्रधानमंत्री के वेतन के बराबर यानी 1.60 लाख रुपये है.

‘ऐसे’ निर्धारित होती है CM की सैलरी
आपने अभी तक जान लिया कि विभिन्न राज्यों के CM की सैलरी कितनी है. अब हम आपको यह भी बतातें हैं कि उनकी सैलरी निर्धारित कौन करता है? और कैसे?  बता दें कि यह प्रक्रियां पूरी तरह से राज्य की व्यवस्था और राजस्व की स्थिति पर निर्भर करती है. देश के संविधान के आर्टिकल 164 के अनुसार मुख्यमंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल करते हैं. साथ ही राज्य की विधानसभा के निर्वाचित सदस्य विधायकों और विधायक दल के नेता के वेतन की राशि को लेकर निर्णय भी लेते हैं.

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