बिहार महागठबंधन में ‘चेहरे’ पर चिकचिक

पटना (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल दल के नेता भले ही किसी विवाद से इनकार कर रहे हों, लेकिन जैसे ही ‘नेतृत्व’ या ‘चेहरे’ की बात की आती है, तो नेता आमने-सामने नजर आने लगते हैं। वैसे, महागठबंधन के नेताओं के लिए यह गुमान करने वाली बात है कि महागठबंधन का आकार दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है, मगर यह भी तय है कि महागठबंधन के बढ़ते आकार के बाद सीट बंटवारे में भी मुश्किल होगी। ऐसे में सीट बंटवारे से सभी दलों को संतुष्ट कर पाना आसान नहीं होगा।

इधर, लोकसभा चुनाव को लेकर सीट बंटवारा तो एक समस्या है ही ‘चेहरे’ को लेकर भी महागठबंधन में विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नीत महागठबंधन में शामिल कई दलों के नेताओं का कहना है कि यह चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर होगा, ऐसे में राहुल गांधी ही इस चुनाव के लिए महागठबंधन का चेहरा होंगे। वहीं, कई दल के नेता आगामी चुनाव में लालू प्रसाद को अपना चेहरा बताकर जनता से वोट मांगने की बात कर रहे हैं। ऐसे में इस ‘चेहरे’ को लेकर दलों में चिकचिक शुरू हो गई है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि लोकसभा चुनाव राष्ट्रीय स्तर का चुनाव है और 2019 का चुनाव नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच होनेवाला है। ऐसे में देश के साथ-साथ बिहार में भी महागठबंधन का चेहरा राहुल गांधी ही होंगे। उन्होंने आगे कहा, “इसके लिए कांग्रेस पार्टी अलग-अलग राज्यों में अपने सहयोगी दलों के साथ चुनावी मैदान में जाएगी। बिहार भी इससे अलग नहीं है। बिहार में भी लोकसभा चुनाव में महागठबंधन का चेहरा और प्रधानमंत्री के प्रत्याशी राहुल गांधी ही होंगे। इसे लेकर महागठबंधन में शामिल दलों में कोई विवाद नहीं है।”

बिहार की सबसे बड़ी पार्टी राजद हालांकि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस के नेता के इस बयान से इत्तेफाक नहीं रखते हैं। राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी कहते हैं कि बिहार में महागठबंधन का चेहरा राहुल गांधी नहीं, बल्कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ही होंगे। राजद का बिहार में अपना वोटबैंक है। राजद यहां सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने कहा कि पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही महागठबंधन अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव लड़ेगा और इसके लिए महागठबंधन में दोराय नहीं है।

उधर, महागठबंधन में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी राजद नेताओं के ही समर्थन में नजर आते हैं। मांझी ने स्पष्ट तौर पर राहुल के चेहरे को नकारते हुए कहते हैं कि यह चुनाव भले ही केंद्र के लिए होगा, लेकिन चुनाव बिहार में होना है। उन्होंने स्पष्ट कहा, “लालू प्रसाद महागठबंधन का चेहरा हैं, हालांकि वो अभी जेल में हैं, ऐसे में प्रमुख चेहरा तेजस्वी यादव यादव ही होंगे, क्योंकि उन्होंने बेहद कम समय में कई मौके पर अपने नेतृत्व क्षमता को साबित किया है।”

इधर, महागठबंधन में चेहरे को लेकर चिकचिक के बीच विरोधी भी तंज कस रहे हैं। जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार कहते हैं कि महागठबंधन ही बेमेल है। उन्होंने कहा कि इस महागठबंधन में सबकुछ रांची के होटवार जेल से ही तय होना है। उन्होंने कहा कि राजद जिस लालू प्रसाद के चेहरे पर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है, उन्हें खुद न्यायपालिका ने चुनाव लड़ने से ही अयोग्य कर दिया है। ऐसे में जो खुद ही मैदान में जाने की योग्यता नहीं रखता हो वह कप्तानी क्या करेगा? बहरहाल, महागठबंधन में चेहरे को लेकर विवाद शुरू है। अब देखना है कि चुनाव से पहले इस विवाद का अंत महागठबंधन के नेता कैसे कर पाते हैं।