विडंबना! UP में 3 फीट चौड़ी गलीनुमा स्कूल में पढ़ने को लाचार हैं कल का भविष्य, देखें VIDEO  

झाँसी: समाचार ऑनलाइन- एक तरफ दुनियाभर में देश की तरक्की के दावें किए जा रहे हैं. दुनिया को भरोसा दिलाया जा रहा है कि हमारा देश तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है. लेकिन अभी भी देश के कई हिस्सों में जमीनी हकीकत कुछ और ही है. देश का आने वाला भविष्य कठिनाइयों में शिक्षा प्राप्त कर रहा है. बच्चे जान पर खेलकर नदी-नाले पार कर, स्कूल जाने के लिए मजबूर हैं.

ऐसे में शिक्षा जगत को लेकर किए जा रहे बड़े-बड़े झूठे दावों और करोड़ों के ‘सर्व शिक्षा अभियान’ की पोल खोलने वाला एक मामला सामने आया हैं, जहाँ पर लाचार बच्चे 3 फीट चौड़े सरकारी स्कूल में पढ़ने को मजबूर हैं. स्कूल के नाम पर यहाँ 3 फीट की गली है, जहाँ कल का भविष्य लाचार दिखाई देता है. यह कहना गलत नहीं होगा कि यह संभवत: यह देश का सबसे छोटा स्कूल होगा! आप इस स्कूल का वीडियो देखकर बात की हकीकत को समझ सकते हैं.

500 से घटकर 22 हुई छात्रों की संख्या

यह अजूबा प्राथमिक स्कूल यूपी स्थित झांसी ज़िले के नझाई में है. जहाँ पर न तो टीचर के लिए बैठने की जगह है ना ही बच्चों की. यह स्कूल पिछले 50 सालों से चल रहा है. पहले यहाँ स्टूडेंट्स की संख्या 500 थी, लेकिन जर्जर इमारत के चलते घटकर 22 हों गई है. इनमें से भी  सिर्फ 10 से 12 बच्चे ही आते हैं.

हमें स्कूल भवन चाहिए…

आपको जानकर हैरानी होगी कि यहाँ बकायदा शिक्षा अधिकारी दौरा करने भी आते हैं और यहाँ पर मिड मिल भी बनता है, लेकिन स्कूल के हालात जस के तस बने हुए हैं.

यहाँ के बच्चों का कहना है कि हमारी सिर्फ एक ही मांग है कि हमारे लिए स्कूल भवन बनवा दिया जाए.

यहाँ के हालात यह है कि पानी पीने के लिए बच्चों को बाहर जाना पड़ता है. वहीं टॉयलेट के लिए बच्चों को घर तक की दौड़ लगानी पड़ती है.

शिक्षा अधिकारी दिखे अपना पल्ला झाड़ते…

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार सिंह ने कहा कि,  “यह स्कूल लीज पर था. अभी इसकी लीज का वक्त खत्म नहीं हुआ है. हम हर महीने इसका किराया दे रहे हैं. लेकिन स्कूल की बिल्डिंग जर्जर हो गई है. इसलिए बच्चों को गैलरी में बैठाया जाता है. कुछ बच्चों को पड़ोस के दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है. स्कूल को खाली करना है या नहीं यह निर्णय विभाग में सचिव स्तर से होगा.”

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