नई दिल्ली, 19 दिसंबर :दिल्ली से बिहार तक और बंगाल से आसाम तक नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हिंसा का दौर जारी है. सरकार के लिए कानून को पास करवाना जितना आसान रहा उतना ही मुश्किल उसके बाद की स्थिति से निपटना हो गया है. लोग खास कर विधार्थी सड़को पर उतर आये है और सरकार से कानून को वापस लेने की मांग कर रहे है. इन सबके बीच आज सरकार की तरफ से हर न्यूज़ पेपर में विज्ञापन देकर इस कानून को लेकर फैलाये जा रहे भ्रम से लोगों को दूर रहने की सलाह दी है. विज्ञापन में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून के बारे में गलत सुचना को लेकर भ्रमित न हो. इस अधिनियम से संबंधित कई गलत सुचना और अफवाह फैलाई जा रही है. लेकिन यह सच नहीं है.
अफवाह – सीएए के उद्देश्य भारतीय मुस्लिमों से उनकी नागरिकता छीनना है.
सच – यह किसी भी भारतीय नागरिकों को प्रभावित नहीं करता है. यह 2014 तक भारत में रह रहे प्रताड़ित अल्पसंख्यको को नागरिकता देने से संबंधित है, न कि किसी व्यक्ति की नागरिकता छीनने से संबंधित है.
अफवाह – सीएए भारतीय मुस्लिमों को प्रभावित कर सकता है
सच – यह एक झूठ है. यह तीन देशो पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आप लोगों पर लागू होगा। यह मुस्लिम सहित किसी भी धर्म के भारतीय नागरिक को प्रभावित नहीं करता है.
अफवाह – ऐसे दस्तावेज जिससे नागरिकता प्रमाणित होती हो उसे अभी जुटाने होंगे, नहीं तो ऐसे लोगों को निर्वासित कर दिया जाएगा।
सच – गलत. किसी राष्ट्रव्यापी एनआरसी की घोषणा नहीं की गई है. अगर नियम बनते भी है तो उससे भारतीय नागरिकों