मुंबई/रायगढ़, 10 नवंबर वास्तु विशारद अन्वय नाईक और उनकी मां कुमुद नाईक की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के अंतरिम जमानत पर सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। न्यायाधीश एस एस शिंदे व मकरंद कार्णिक की खंडपीठ ने उनकी जमानत याचिका ख़ारिज कर दी। लेकिन धारा 439 के तहत अर्णब को नियमित रूप से जमानत के लिए आवेदन करने का रास्ता साफ हो गया है।
हाई कोर्ट ने अपने 56 पेज के आदेश में कहा है कि इस मामले की अधिक जांच करने के संदर्भ में राज्य सरकार दवारा दिया गया आदेश गैर क़ानूनी या इसके लिए दंडाधिकारी की परमिशन नहीं ली । ऐसा नहीं कहा जा सकता है। जिस तरह से राज्य सरकार ने आगे की जांच के आदेश दिए है वह दे सकती है। पुलिस को किसी मामले में जांच के लिए दंडाधिकारी की परमिशन लेना जरुरी नहीं है। आरोपी के मुलभुत अधिकार की तरह पीड़ित का भी अधिकार महत्वपूर्ण है।
नाईक आत्महत्या मामले में अलीबाग पुलिस ने अर्णब गोस्वामी को 4 नवंबर को उनके घर से गिरफ्तार किया था। अर्णब ने इस गिरफ़्तारी को गैर क़ानूनी बताकर हाई कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले पर आज सुनवाई होगी।
आरोपी जांच में सहयोग नहीं कर रहा
आरोपी के वकील पर समय बर्बाद करने का आरोप लगाया गया है। इसलिए गोस्वामी के दोनों आवेदन पर एक ही बार में सुनवाई करने की अपील की गई। इसका सरकारी वकील दवारा विरोध किया गया।