राजस्थान, मध्यप्रदेश, मिजोरम, तेलंगणा और छत्तीसगढ इन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के नतीजे सामने आ गए हैं। तेलंगना और मिजोरम में प्रादेशिक दलों ने बाजी मार ली जबकि अन्य तीनों राज्यों में कांग्रेस ने भाजपा के हाथ से सत्ता छीन ली है। इन नतीजों की घोषणा के बाद से भाजपा के नेताओं की चिंता बढ़ गई है। उसमें भी खासकर उन नेताओं को भाजपा में अपना भविष्य अंधकारमय नजर आ रहा है, जो मोदी लहर और सत्ता की मलाई चखने के लिए दूसरी पार्टियों से भाजपा में दाखिल हुए हैं। नतीजे सामने आने के साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने भाजपा के कई नेताओं के राष्ट्रवादी कांग्रेस के संपर्क में रहने का दावा करनेवाला बयान देकर सियासी गलियारे में खलबली मचा दी। नतीजन चुनावों के दौरान भाजपा में दाखिल हुए नेताओं को शक की निगाह से देखा जा रहा है।
पवार के बयान के बाद मचे सियासी घमासान के बीच पिंपरी चिंचवड में भाजपा के लिए सत्ता का द्वार खोलने वाले विधायक व शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप, विधायक महेश लांडगे और भूतपूर्व महापौर आजमभाई पानसरे के भी ‘घरवापसी’ की चर्चा ने जोर पकड़ा है। क्योंकि ये तीनों भी पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस में थे। ऐसी चर्चा का बाजार गर्म होने से भाजपा नेताओं पर खुद होकर सफाई देने की नौबत आई है। विधायक जगताप के बाद अब विधायक लांडगे ने अंत तक भाजपा के साथ बने रहने का भरोसा दिलाया है। मनपा के सभागृह नेता एकनाथ पवार ने अपने जवाब में इन तीनों के भाजपा के साथ बने रहने का भरोसा दिलाया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा इस तरह की बयानबाजी कर लोगों में भरम निर्माण किया जा रहा है, यह भी उन्होंने कहा। बहरहाल उक्त तीनों नेताओं के पहले के सियासी इतिहास को देखते हुए शहर में अटकलों का बाजार गर्म है।