भारत में जल्द आने वाली है ‘Face Detector machine’

– अपराधियों का फेस देखकर पकड़ेगी ‘झूठ’

– ब्रिटेन व भारत में होगा ‘एआई सिस्टम’ का ट्रायल

– देश में सबसे पहले मुंबई पुलिस करेगी कैदियों पर इसका ट्रायल

– 30 करोड़ से ज्यादा चेहरे के भावों को किया गया है शामिल

– भीड़ में भी मौजूद गुस्सैल इंसान का पता लगाया जा सकेगा

लंदन की स्टार्टअप फर्म फेससॉफ्ट और इम्पीरियल कॉलेज ने मिलकर तैयार किया एआई सिस्टम

एआई सिस्टम में 30 करोड़ से ज्यादा चेहरे के भावों को शामिल किया गया

समाचार ऑनलाइन –  पूछताछ के दौरान अपराधी झूठ बोल रहा है या सच, अब यह चेहरे के भाव को देखकर बताया जा सकेगा। लंदन के स्टार्टअप फेससॉफ्ट ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लैस ऐसा सिस्टम तैयार किया है जो चेहरे के इमोशंस को पढ़कर सच और झूठ की पहचान करेगा। इसका ट्रायल जल्द ही ब्रिटेन और भारत में मुंबई पुलिस करेगी। एआई सिस्टम में 30करोड़ से ज्यादा चेहरे के भावों को शामिल किया गया है।

अपराधी के चेहरे पर आने वाले अस्वाभाविक भाव रिकॉर्ड होंगे

स्टार्टअप फर्म फेससॉफ्ट के मुताबिक, आपके दिमाग में क्या चल रहा है इसकी जानकारी चेहरे पर मौजूद माइक्रो एक्सप्रेशन से मिलती है। मनोवैज्ञानिकों ने 1960 में पहली बार इसका पता लगाया था। मनोवैज्ञानिकों ने पहली बारे इसे सुसाइड करने की कोशिश करने वाले मरीजों में देखा। जो अक्सर दिमाग में चल रहे नकारात्मक विचारों को छिपा रहे थे।

फेससॉफ्ट के फाउंडर डॉ. पोनिआह का कहना है कि अगर कोई इंसान जबरदस्ती मुस्कुराता है तो यह भाव उसकी आंखों में नहीं नजर आता है। यह एक तरह का माइक्रो एक्सप्रेशन है। रिसर्च में इम्पीरियल कॉलेज लंदन के एआई एक्सपर्ट स्टेफिनोज के मुताबिक, पूछताछ के दौरान अपराधी के चेहरे पर दिखने वाले अस्वाभाविक भावों को रिकॉर्ड किया जाएगा। इसके बाद मनोवैज्ञानिक इनका विश्लेषण करेंगे।

एआई सिस्टम में एल्कोरिदम डाटाबेस के साथ 30 करोड़ से ज्यादा इंसानी चेहरे के भावों को स्टोर किया गया है। इनमें हर उम्र वर्ग और जेंडर की तस्वीरें शामिल हैं। इसमें खुशी, डर, आश्चर्य जैसे इमोशंस हैं। ये चेहरे पर कम या ज्यादा दिखाई दे रहे हैं इसकी जानकारी भी एआई सिस्टम देगा।

एआई एक्सपर्ट के मुताबिक, फेशियल रिकग्निशन का प्रयोग लोगों की सुरक्षा और देश के विकास में किया जा सकता है। इसकी मदद से भीड़ में भी मौजूद गुस्सैल इंसान का पता लगाया जा सकता है। यूके और मुंबई पुलिस जल्द ही कैदियों पर इसका ट्रायल करेगा।