‘कमांडो-3’ Review : विद्युत जामवाल का दिखा दमदार एक्शन मगर कमजोर निकली फिल्म की कहानी

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – बॉलीवुड के एक्शन हीरो विद्युत जामवाल की फिल्म ‘कमांडो-3’ आज रिलीज हुई। देश भक्ती पर आधारित इस फिल्म में विद्युत जामवाल दमदार एक्शन करते नजर आये। ‘कमांडो’ फ्रेंचाइजी का यह तीसरा भाग है। कमांडो-3 में हिंदू-मुस्लिम बगावत, धर्म परिवर्तन, देशभक्ति से आतंकवाद से निपटने की कहानी दिखाई गई है। वैसे विद्युत को नई सदी के सनी देओल कहे तो गलत नहीं होगा। उनका हाथ ढाई किलो से कहीं ज्यादा वजनी है।

फिल्म की कहानी –
फिल्म की कहानी एक पुलिस ऑफिसर कुछ गुमराह युवाओं का पीछा करते हुए होती है। जो बाद में ऐसे एक आंतकी संगठन का लीडर होता है। इसके बाद कहानी आगे बढ़ती है। इसके बाद सर्वश्रेष्ठ कमांडो करणवीर सिंह डोगरा (विद्युत जामवाल) और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भावना रेड्डी (अदा शर्मा) की एंट्री होती है। जिसे भारत सरकार चुनती हैं। ताकि लंदन में बैठे बुराक अंसारी (गुलशन देवैया) जो इस आतंकी संगठन का लीडर होता, उसे ढूढ़कर भारत लाया जा सके।

बुराक अंसारी अंसारी एक ऐसा एक मास्टरमाइंड है, जो लंदन में बैठकर भी वीडियो टेप के जरीए भारत के युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहा है। भारत इस बात की भनक लगती है और शांति तरीके से एक्शन लेना शुरू कर देती है। एक ओर जहां भारतीय एजेंट बुराक को पकड़ना चाहते हैं, वहीं उनकी हर कदम पर पहले से ही बुराक की नजर है। बुराक दिवाली पर एक हमला करने की एक रणनीति बनाता है। आगे जानने के लिए आपको फिल्म देखनी पड़ेगी।

फिल्में देखने से पहले जानें ये बातें –
यह एक एक्शन फिल्म है। जिसमें कई सारी कहानी को एक साथ लाने का प्रयास किया गया है। फिल्म में उन सभी मुद्दों उठाया गया है जिसे लेकर अक्सर सामाजिक, राजनीतिक और वैश्विक स्तर पर बातें की जाती रही हैं।

एक्टिंग –
विद्युत के मार्शल आर्ट्स और उनका एक्शन के साथ उनकी एक्टिंग भी दमदार है। विद्युत अपने रोल में एक दम फिट हैं। एक ऑफिसर के रुप में विद्युत सही में ये साबित कर दिया है कि उन्हें टक्कर देना मामुली बात नहीं है। हालांकि एक्शन में माहिर विद्युत हाव भाव में कच्चे हैं। अदा शर्मा ने अंगीरा धार के रोल के साथ न्याय किया है। बुकर अंसारी यानी गुलशन देवैया अपने विलेन रोल काफी क्रूर लगे हालांकि उनके एक्सप्रेशन और डायलॉग डिलीवरी बेहद शानदार है।

फिल्म की अच्छाई –
अब फिल्म के डायरेक्शन और संगीत की बात करे तो फिल्म की सबसे खास बात इसकी कोरियोग्राफी जो फिल्म देखने के लिए विवश कर देती है। फिल्म की क्लाइमेट और बैकगाउंड म्यूजिक भी दमदार है। मार्क हैमिलटन की सिनेमेटोग्राफी अच्छी है, वहीं बैकग्राउंड संगीत एक्शन सीन्स में जोश भरता है।

कमजोरी –
फिल्म की कहानी आपको निराश कर सकती हैं। क्योंकि आतंकवाद के खिलाफ छिड़ी एक मुहिम की कहानी में हिंदू- मुस्लिम बगावत, धर्म परिवर्तन, देश को खत्म कर देने की धमकी, फर्जी पार्सपोर्ट, आतंकवादी और देशभक्ति भी  शामिल है लेकिन फिर भी आपको निराश करेगी। क्योंकि फिल्म में कुछ नया नहीं है।  आदित्य दत्त की निर्देशन की यह कहानी आपको तक बोर कर देती जब आप कुछ नयापन खोजने की कोशिश कर रहे होते हैं। ढ़ीली पटकथा, बेदम डायलॉग्स आपको बोर करने के लिए काफी है। पुणे समाचार की ओर से फिल्म को 2.5 स्टार दिए जाते है।