सत्तादल व विपक्ष में 5 घँटे तक मची एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने की होड़

विपक्ष ने ‘स्पर्श’ घोटाले पर से घेरा तो सत्तादल ने उठाया ऑक्सीजन की कमी से 9 मरीजों की मौत का मुद्दा
महापौर ने दिए अतिरिक्त आयुक्त, स्वास्थ्य व चिकित्सा अधिकारी के अधिकार छीनने के आदेश 
पिंपरी। बीती शाम केवल प्रश्नोत्तरी पर पिंपरी चिंचवड़ मनपा की सर्वसाधारण सभा गूंजी। पूरे 5 घँटे तक सत्तादल भाजपा और विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस के बीच एक दूसरे पर कीचड़ उछालने की होड़ मची रही। विपक्षी दलों ने स्पर्श हॉस्पिटल को बिना एक भी मरीज के इलाज के चुकाए गए सवा तीन करोड़ रुपए के बिल की आड़ में कोविड केयर सेंटर (सीसीसी) के भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सत्तादल को घेरने की कोशिश की। वहीं सत्तादल भाजपा ने राष्ट्रवादी कांग्रेस को घेरने के लिए वाईसीएम हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी का मुद्दा उठाते हुए यह गंभीर आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की कमी के चलते वाईसीएम में 9 मरीजों की मौत हुई है। हालांकि सत्तादल आरोप लगाते हुए यह भूल गया कि मनपा में सत्ता खुद उसकी ही है।
एक दूसरे के साथ ही प्रशासन के आला अधिकारियों को आड़े हाथ लेने को लेकर भी सत्तादल और विपक्ष के बीच होड़ मची रही। दोनों ही पार्टियों के निशाने पर मनपा के अतिरिक्त आयुक्त (2) अजित पवार, स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल रॉय और अतिरिक्त स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ पवन सालवे रहे। पूरे पांच घँटे की लंबी बहस के बाद महापौर ऊषा उर्फ माई ढोरे ने मनपा आयुक्त को कोरोना काल में हुए सभी कथित भ्रष्टाचार के मामलों की अलग से जांच कर अगली सर्वसाधारण सभा में उसकी रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए। साथ ही तब तक अतिरिक्त आयुक्त (2) अजित पवार और स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अनिल रॉय के अधिकार छीनने का आदेश भी दिया। स्पर्श हॉस्पिटल को अदा किए बिल की जांच एवं ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट में शामिल करने के आदेश भी महापौर ने दिए।
फरवरी माह की स्थगित सर्वसाधारण सभा की प्रश्नोत्तरी में भाजपा नगरसेवक तुषार कामठे ने वाईसीएम हॉस्पिटल में ऑक्सीजन आपूर्ति संबन्धी सवाल उठाए। इस पर छिड़ी चर्चा के दौरान उन्होंने गंभीर आरोप लगाया कि ऑक्सीजन की कमी से 9 मरीजों की मौत हुई है। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस ने स्पर्श हॉस्पिटल को बिना किसी एक मरीज के इलाज के अदा किए गए सवा तीन करोड़ रुपए के बिल के मुद्दे पर से भाजपा को घेरने की कोशिश की। असल में राष्ट्रवादी यह मुद्दा उठाकर घेरने की कोशिश करेगी, यह ध्यान में लेकर ही भाजपा ने ऑक्सीजन आपूर्ति का मसला उठाया। क्योंकि इसका ठेका राष्ट्रवादी के बड़े नेता के रिश्तेदार के पास है। नतीजन दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर छिड़ गया और खासा घमासान मचा। राष्ट्रवादी ने अधिकारियों के साथ मिलकर किये गए भाजपा नेताओं के भ्रष्टाचार और भाजपा ने राष्ट्रवादी के नेताओं की दुकानदारी, पार्टनरशिप के मुद्दे उठाए। इस घमासान में किसने किस अधिकारी की मदद से कहाँ और कितना कमाया से लेकर कौन कौन बना करोड़पति तक के किस्से बाहर आये।
इस लंबी बहस में सभागृह नेता नामदेव ढाके, भाजपा के वरिष्ठ नगरसेवक एकनाथ पवार, सीमा सावले, आशा शेंडगे, तुषार कामठे, तुषार हिंगे, अभिषेक बारणे, संदीप वाघेरे, अंबरनाथ कांबले, राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व महापौर योगेश बहल, मंगला कदम, डॉ. वैशाली घोडेकर, अजित गव्हाणे, शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे, सचिन भोसले, मीनल यादव ने हिस्सा लिया। ऑक्सीजन आपूर्ति के मुद्दे पर वाईसीएम के अधिष्ठाता डॉ राजेश वाबले ने स्पष्टीकरण दिया और ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं होने का दावा किया। उनके स्पष्टीकरण पर सभागृह को संतोष नहीं हुआ। इस पर मनपा के नए आयुक्त राजेश पाटिल ने मोर्चा संभालते हुए कहीं भी कोई भ्रष्टाचार बरदाश्त नहीं करने और पूरे मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया। इससे पहले की सभा का कामकाज आगे बढ़ता शिवसेना के गुटनेता राहुल कलाटे सभा में कोरम (गणसँख्या) यानी सदस्यों की गैरमौजूदगी का मुद्दा उठाते हुए 18 फरवरी तक सभा स्थगित रखने की सूचना पेश की। इसके अनुसार महापौर ने सभा स्थगन की घोषणा की।