मराठा आंदोलन में हिंसाचार के जरिए फूट डालने की साजिश

राष्ट्रवादी कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार का आरोप
पुणे। समाचार ऑनलाइन
क्रांति दिन (9अगस्त) को मराठा आंदोलन के दौरान हिंसाचार के जरिए मराठा और बहुजन समाज में फूट डालने की साजिश रचे जाने का आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस के हाइकमान शरद पवार ने लगाया है। मराठा आंदोलन को बदनाम कर मराठा और बहुजन समाज में फूट डालने की राज्यकर्ताओं की साजिश को नाकाम बनाने और हिंसाचार रोकने की अपील उन्होंने एक विज्ञप्ति के जरिए की है। उन्होंने यह भी कहा कि मराठा समाज को बहुजनों का समर्थन मिल रहा है, उसे आघात न पहुंचे, इसका ध्यान रखा जाए।
छत्रपति शिवाजी महाराज ने 18 जाति औऱ 12 बलुतेदारों को साथ लेकर आदर्श स्वराज्य की स्थापना की थी, उस आदर्श को धक्का न लगने पाए। मराठा समाज को बहुजनों और दूसरे समाज से अलग करने की साजिश रची जा रही है, उसे सफल न होने दें। आरक्षण के लिए कुछ संवैधानिक प्रक्रिया है, उसके लिए कुछ समय जरूरी है। ऐसे में शांति बनाए रखना जरूरी है। हिंसा का दौर चलता रहा तो राज्य के उद्योग धंधों में निवेश थम जाएगा और फिर बेरोजगारी का प्रश्न और गहरा जाएगा, यह चिंता भी पवार ने जताई है।
अपने पत्र में शरद पवार ने गोखले अर्थ-राज्यशास्त्र संस्था की किसानों की आत्महत्या के बारे में जारी रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि, जमीन छोटे-छोटे टुकड़ों में बंटते चले जाने से मराठा समाज की हालत गंभीर बनी है। आज 28 फीसदी मराठा भूमिहीन हैं। उनकी आत्महत्या का प्रमाण 46 फीसदी है। मराठा युवाओं में असंतोष व्याप्त है मगर उसके लिए पथराव, तोड़फोड़, आगजनी या आत्महत्या कभी विकल्प साबित नहीं हो सकते। यह बताकर पवार ने मराठा युवाओं को हिंसा और खुदकुशी से बचने की अपील की है।