दाभोलकर हत्याकांड: सीबीआई को कर्नाटक एसआइटी से मिली अमोल काले की कस्टडी

पुणे। समाचार ऑनलाइन

अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ नरेंद्र दाभोलकर हत्याकांड की जांच में सीबीआई को अमोल काले, जिसे इस हत्या का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, को अपनी कस्टडी में लेने में सफलता मिल गई है। पुणे से सटे पिंपरी चिंचवड़ शहर के चिंचवड़ इलाके का निवासी रहे काले को पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कर्नाटक एसआइटी ने गिरफ्तार किया है। रविवार को सीबीआई ने उसे दाभोलकर हत्याकांड के मामले में अपनी कस्टडी में लिया।

इससे पहले पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में कर्नाटक एसआईटी की हिरासत में रहे राजेश डी बनगेरा और अमित रामचंद्र दिगवेकर को सीबीआई ने दाभोलकर हत्याकांड में अपनी हिरासत में लिया है। पुणे के सत्र न्यायालय ने उन्हें 10 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने का आदेश दिया है।

सीबीआई ने अदालत में खुलासा किया है कि, कर्नाटक में एक कांग्रेस विधायक पीए रह चुके बनगेरा ने दाभोलकर की हत्या को अंजाम देनेवाले सचिन अंधूरे और शरद कलसकर को पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग दी थी। वहीं दिगवेकर ने हत्या से पहले रेकी की थी।

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नालासोपारा विस्फोटक सामग्री मामले में वैभव राउत, सुधन्वा गोंधलेकर और शरद कलसकर को महाराष्ट्र एटीएस ने गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान शरद के दाभोलकर की हत्या में शामिल रहने की जानकारी सामने आयी। उसने जांच में स्वीकार किया है कि इस हत्या में वह और सचिन अंधूरे शामिल है। इसके अनुसार सचिन अंधूरे के गिरफ्तार कर दाभोलकर हत्या की जाँच कर रही सीबीआई के हवाले किया गया। सीबीआई की जाँच में दाभोलकर और पत्रकार गौरी लंकेश हत्या के आरोपियों का कनेक्शन उजागर हुआ।

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दाभोलकर हत्या में पहले गिरफ्तार किये गए वीरेंद्र तावड़े और लंकेश हत्या के मामले में कर्नाटक एसआईटी द्वारा गिरफ्तार अमोल काले दोनों दाभोलकर हत्या के मास्टरमाइंड हैं। वहीं कलसकर और अंधूरे ने हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है, यह दावा सीबीआई ने किया है।

सचिन को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इन कड़ियों को जोड़ने के लिए सीबीआई एटीएस की कस्टडी में रहे कलसकर और कर्नाटक एसआईटी की कस्टडी में रहे अमोल काले को अपनी कस्टडी में लेने की कोशिशों में थी। इसमें से काले की कस्टडी हासिल करने में उसे सफलता मिली है।

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