डीसीपी कपूर आत्महत्या कांड : ‘चुप्पी’ भी नहीं बचा पाई पुलिस कमिश्नर की कुर्सी

फरीदाबाद (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – डीसीपी विक्रमजीत सिंह कपूर आत्महत्या कांड में साधी गई ‘चुप्पी’ भी फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर की कुर्सी नहीं बचा पाई। इस मामले में हुई बदनामी के बाद राज्य सरकार ने अंतत: फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त का चार्ज आईपीएस संजय कुमार से छीनकर के.के. राव को दे दिया। राव फिलहाल राज्य पुलिस स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के प्रमुख थे।

डीसीपी विक्रमजीत सिंह कपूर आत्महत्या कांड के बाद जिस तरह से फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर संजय कुमार ने ‘चुप्पी’ साधी थी, वह चुप्पी ही उनके लिए घातक साबित हुई। कपूर आत्महत्या कांड में संजय कुमार ने मीडिया से भी दूरी बना ली थी। डीसीपी विक्रमजीत सिंह कपूर आत्महत्या कांड के बाद संजय कुमार ने एक बार भी सामने आकर कोई अधिकृत बयान नहीं दिया।

फरीदाबाद पुलिस सूत्रों के मुताबिक, “इसके पीछे संजय कुमार की रणनीति थी कि अगर वह बोले तो एक सवाल के जबाब में उन्हें 100 सवालों का सामना करना पड़ सकता है। यही वह कारण था कि कपूर आत्महत्या कांड सामने आते ही फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर संजय कुमार ने खुद को मीडिया और आमजन की आंखों से ओझल करने में ही अपनी भलाई समझी।”

संजय कुमार की इसी रणनीति का परिणाम था कि डीसीपी विक्रमजीत सिंह कपूर की मौत के मामले में उन्होंने हर नपी-तुली बात जिला पुलिस प्रवक्ता सब-इंस्पेक्टर सूबे सिंह के जरिए मीडिया तक पहुंचाया था। जबकि एक आईपीएस और डीसीपी स्तर के आला अफसर की आत्महत्या के मामले में शायद संजय कुमार जैसा वरिष्ठ आला-आईपीएस, एक सब-इंस्पेक्टर (पुलिस प्रवक्ता) से कहीं ज्यादा माकूल जबाब देने में सक्षम साबित हो सकता था। कपूर आत्महत्या कांड जैसी संवेदनशील घटना को लेकर बहैसियत फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर आईपीएस संजय कुमार की चुप्पी फिलहाल उन्हीं पर भारी साबित हुई है।

फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर का प्रभार 1996 बैच के आईपीएस अधिकारी राव ने संभाल लिया है। अब राज्य पुलिस में चर्चा इस बात को लेकर गरम है कि आखिर, फरीदाबाद में डीसीपी कपूर आत्महत्या कांड में सूबे की पुलिस और सरकार की थू-थू करा चुके संजय कुमार को हिसार रेंज का ही महानिरीक्षक बनाकर आखिर दोबारा वापस क्यों भेजा गया है? जबकि 16 नवंबर, 2018 को यानी आठ-नौ महीने पहले ही उन्हें हिसार से हटाकर फरीदाबाद लाया गया था। उस वक्त फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर अमिताभ सिंह ढिल्लों हुआ करते थे।

ढिल्लों को उस वक्त हिसार रेंज का आईजी बनाकर भेजा गया था। इतना ही नहीं संजय कुमार फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त बनने से पहले यहीं कुछ समय तक संयुक्त पुलिस आयुक्त भी रहे। ऐसे में इस सवाल को भी नजरंदाज नहीं किया जा सकता है कि आखिर बार-बार फरीदाबाद पोस्टिंग (तैनाती) का मोह आईपीएस संजय कुमार से क्यों नहीं छूटता?

फिलहाल हरियाणा सरकार ने संजय कुमार को हिसार का आईजी बनाने के बाद वहां तैनात अमिताभ सिंह ढिल्लों को स्पेशल टास्क फोर्स का महानिरीक्षक बनाकर भेजा है। उल्लेखनीय है कि, फरीदाबाद के नवनियुक्त पुलिस आयुक्त के. के. राव के पास संभागीय पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (रीजनल ट्रेनिंग सेंटर) भोंडसी के महानिरीक्षक का भी प्रभार था।

यहां उल्लेखनीय है कि गुरुवार को हरियाणा सरकार ने कई पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण किए थे। ट्रांसफर सूची में कुल 26 पुलिस अफसरों के नाम थे। इनमें 24 अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के और बाकी दो अधिकारी राज्य पुलिस के शामिल हैं।

सूत्र बताते हैं कि फरीदाबाद के पुलिस आयुक्त संजय कुमार का ट्रांसफर डीसीपी विक्रमजीत सिंह कपूर आत्महत्या कांड में उनकी चुप्पी के चलते ही हुआ है। लेकिन राज्य पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्थानांतरण को ‘सामान्य विभागीय प्रक्रिया’ का हिस्सा बताया है।