भीमा-कोरेगांव मामले में देवेंद्र फडणवीस की जांच की मांग 

मुंबई, 28 जनवरी –भीमा-कोरेगांव मामले में पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विरोधीपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस की जांच करने की मांग कर्मवीर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष और याचिकाकर्ता डॉ. संजय लाखे पाटिल ने जांच आयोग से की है.

इस संबंध में पाटिल ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र विधानसभा में दिए गए बयान की जांच करने के लिए उन्हें चश्दीद के तौर  पर समन जारी करने की मांग मैंने जांच आयोग से की है. फडणवीस ने भीमा-कोरेगांव मामले में संभाजी भिड़े और मिलिंद एकबोटे के आरोप लगाया था।  लेकिन इसके बाद फडणवीस ने उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए कोई कदम नहीं उठाया था.
भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में विशेष जांच दल गठित कर उसके जरिये जांच कराई जाए. यह मांग राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से की थी. पवार दवारा मुख्यमंत्री को लिखे गए खत में तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाले भाजपा सरकार गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि भीमा कोरेगांव मामले में सरकार का दुरूपयोग किया गया. मीडिया को गलत  जानकारी दी गई. पुलिस के साथ मिलकर षडयंत्र किया गया. मुख्य आरोपी को बचाकर जनता को भ्रम में रखा गया. पुलिस ने इस मामले में सबूतों को तोड़ मड़ोड़ कर पेश किया गया. पवार ने इस मामले में एसआईटी जांच की मांग की थी. लेकिन केंद्र सरकार ने अचानक इस मामले की जांच का जिम्मा एनआईए को सौंप दिया।