शादी का कोई सबूत नहीं होने के बावजूद साथ रहने वाली प्रेमिका को भरण पोषण मांगने का अधिकार 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – बगैर शादी किये कुछ जोड़े वर्षों तक लाइव इन रिलेशन में रहते है. ऐसे में प्रेमी को अपनी प्रेमिका को भरण पोषण की रकम देनी होगी। यह फैसला दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनाया है।  कोर्ट ने कहा है कि दोनों अगर पति पत्नी की तरह रहते है तो धारा 125 के अनुसार प्रेमिका के भरण पोषण के लिए पैसे मांगने का अधिकार है ।
एक जोड़ी 20 वर्षों से साथ रह रहे थे
मिली जानकारी के अनुसार एक जोड़ी 20 वर्षों से साथ रह रहे थे । उनके अलग होने के बाद कोर्ट ने प्रेमिका को हर महीने 5 हज़ार रुपए भरण पोषण के लिए देने का निर्देश दिया था । इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. हाई कोर्ट ने उसकी याचिका खरिज कर दी. प्रेमी ने आरोप लगाया कि वह महिला मेरी पत्नी नहीं है । महिला के पास शादी का कोई सबूत नहीं है।  फिर भरण पोषण कैसे दू ?
याचिकाकर्ता ने खुद को महिला का पति बताया था
महिला ने कोर्ट को बताया कि हमने शादी नहीं की लेकिन हम 20 वर्षो तक साथ रहे. दोनों के मतदान पहचान पत्र का पता एक ही है । सफरजंग हॉस्पिटल में इलाज कराने के दौरान याचिकाकर्ता ने खुद को महिला का पति बताया था. यह जानकारी महिला ने कोर्ट के संज्ञान में लाई।  इस पैर कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई जोड़ा काफी सालों तक पति  पत्नी की तरह रहते है उसे शादीशुदा माना जायगा। ऐसे में महिला को भरण पोषण मांगने का अधिकार है ।