भय्यूजी महाराज आत्महत्या : कांग्रेस की मप्र ईकाई के महामंत्री ने सीबाआई जांच की मांग की

भोपल (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – मध्य प्रदेश के इंदौर में उदय सिह देशमुख उर्फ भय्यूजी महाराज की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने भले ही तीन लोगों को आरोपी बनाकर गिरफ्तार कर लिया हो, मगर भय्यूजी के करीबी इस मामले की हकीकत के खुलासे के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग कर रहे हैं। कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के महामंत्री भरत पोरवाल ने राज्य के मुख्य सचिव एस.आर मोहंती को पत्र लिखकर पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है। पोरवाल ने मोहंती को लिखे पत्र में कहा है कि भय्यूजी महाराज की हत्या की गई है न कि उन्होंने आत्महत्या की है।

पोरवाल का कहना है कि केंद्र सरकार को सीबीआई जांच के लिए पत्र लिखा गया था, जिस पर केंद्र सरकार ने मुख्य सचिव से अभिमत मांगा था। इस बात के सामने आने पर इंदौर पुलिस ने इसे आत्महत्या करार देकर फाइल को ही बंद कर दिया था। पोरवाल ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, “भय्यूजी को नशीली दवाएं देने की बात सामने आई है, जिससे यह तो साबित हो जाता है कि उन्हें नशीली दवाएं देकर मोबाइल का उपयोग कोई और करता था। लिहाजा चरित्रहनन की कोशिश हो रही है, जो ठीक नहीं है। इन सब साजिशों का खुलासा तो सीबीआई जांच से ही होगा।”

पोरवाल के अनुसार, “पुलिस ने पलक पुराणिक, विनायक दुभाड़े व शरद देशमुख को गिरफ्तार कर मामले को खत्म करने की कोशिश की है। यह जो तीन लोग पकड़े गए हैं, यह तो सिर्फ मोहरे हैं। इस मामले की अगर सीबीआई जांच होती है तो हत्यारे और षड्यंत्रकारियों को जेल भेजा जा सकेगा।” भय्यूजी महाराज ने 12 जून 2018 को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। घटना के बाद बेटी कुहू और दूसरी पत्नी आयुषी के बीच विवाद को प्रचारित किया गया था। मगर वक्त गुजरने के साथ जो तथ्य सामने आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं। उनके सबसे करीबी ही उनकी जान के दुश्मन निकले।

केयर टेकर बनी पलक पुराणिक जहां भय्यूजी को अपना जीवन साथी बनकर संपत्ति पर कब्जा करना चाहती थी तो सेवादारों की भी संपत्ति पर नजर थी। भय्यूजी महाराज के करीबियों का कहना है कि ‘श्री सद्गुरु धार्मिक एवं परमार्थिक ट्रस्ट इंदौर’ की देश के विभिन्न राज्यों में शाखा है, इन शाखाओं से संबद्घ करोड़ों की संपत्ति है। यह पूरी तरह ट्रस्ट की संपत्ति हैं। इसके अलावा अघोषित तौर पर भय्यूजी महाराज की कई बड़े कारोबारों में हिस्सेदारी थी। इसकी जानकारी पलक को थी। इसी के चलते पलक ने भय्यूजी से नजदीकियां बढ़ाई और उसने संपत्ति पर कब्जे के मकसद से शादी का दवाब बनाया।