अलग विचारधारा स्वतंत्रता का मूल: पी चिदंबरम 

नागपुर। समाचार ऑनलाइन
 

महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने माओवादियों से संबंध के आरोपों में वामपंथी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी को लेकर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना करते हुए टिप्पणी की कि, यह असहमति को कुचलने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि, जिन्हें गिरफ्तार किया गया है वे नागरिक अधिकार कार्यकर्ता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, वकील, लेखक और कवि हैं, उनके घोर वामपंथी विचार हैं। एक आजाद देश में घोर दक्षिणपंथी या वामपंथी विचार रखना स्वीकार्य है और परेशानी तब पैदा होती है जब हिंसा भड़काई जाती है।

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उन्होंने कहा, एक आजाद देश में आपके घोर वामपंथी, घोर दक्षिण पंथी विचार हो सकते हैं यह स्वतंत्रता का मूल है। जब कोई हिंसा में शामिल होता है या हिंसा भड़काता है या हिंसा को शह देता है तभी वह अपराध कर रहा होता है। वामपंथी कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कथित कार्रवाई का मकसद भाजपा नीत सरकार के आलोचकों को चुप करना है। चिदंबरम ने यह भी कहा, यह अहम मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश है। यह असहमति को कुचलने और सरकार के आलोचकों के मन में भय पैदा करने की कोशिश है। हम इसकी निंदा करते हैं और हम बहुत खुश हैं कि अदालत ने हस्तक्षेप किया और उन्हें कुछ हद तक आजादी दी।