नई दिल्ली, 17 नवंबर बिहार विधानसभा चुनाव के साथ अन्य राज्यों में हुई उपचुनाव में मिली हार पर मंथन करने के बजाय कांग्रेस में गृह कलह बढ़ गया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में पार्टी नेता पर निशाना साधा था। इस पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा हैं पार्टी के अंदरूनी मामले को मीडिया में नहीं उठाये।
कपिल सिब्बल के बयान से कांग्रेस के कार्यकर्ता दुखी है। सिब्बल को पार्टी के अंदरूनी मामलों को मीडिया में उठाने की जरुरत नहीं है। कांग्रेस ने कई बुरे दौर देखे है। 1969, 1977, 1989 और 1996 में पार्टी ने बुरा दौर देखा है। लेकिन पार्टी ने अपनी विचारधारा और विश्वास के दम पर वापसी की । बुरे दौर में पार्टी और मजबूत होती है। यूपीए ने 2004 में सोनिया गांधी के नेतृत्व में सरकार बनाई थी। इस मौके पर हमने परिस्थिति को मात दी थी।
चुनाव में हार के कई कारण हो सकते है। हर बार पार्टी नेतृत्व और पद की दृष्टि से धैर्य दिखाया है और अपनी बुरी स्थिति पर जीत हासिल की है। बुरे समय में पार्टी के साथ खड़े रहना और उसे बढ़ावा देना इसके पीछे की वजह है। आज भी कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो देश को एकजुट रख सकती है और विकास के मार्ग पर बढ़ सकती है।
कपिल सिब्बल ने क्या कहा था
एक इंटरव्यू में कपिल सिब्बल ने कहा था कि बिहार ही नहीं बल्कि देश में जहां भी उपचुनाव हुए है वहां की जनता ने कांग्रेस को नकार दिया है ।गुजरात का उपचुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली। तीन जगह पर उम्मीदवार की डिपॉजिट जब्त हो गई। लोकसभा चुनाव में गुजरात में ऐसा ही हुआ था। जबकि उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में कुछ जगहों पर कांग्रेस के उम्मीदवार को 2% वोट मिला है। ऐसे में जनता का संदेश साफ है कि उन्होंने हमें नकार दिया है।