कर्नाटक कैबिनेट की बैठक में आज गौ-हत्या निषेध कानून पर होगी चर्चा, सियासी घमासान के आसार 

बेंगलुरु. ऑनलाइन टीम : कर्नाटक में एक बार फिर से गौ-हत्या निषेध कानून बनाने को मुद्दा गर्मा गया है। इस संदर्भ में आज यानी सोमवार को कैबिनेट बैठक होनी है। इस दौरान गायों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह साफ किया जाएगा कि राज्य में गोमांस की खपत पर पूर्ण प्रतिबंध हो। बताते चले कि यह बिल पहले देश के कई राज्यों पास हो चुका है। इस कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ तीन से दस साल की सजा और तीन लाख से पांच लाख तक के जुर्माने का प्रावधान है। कांग्रेस ने कर्नाटक में आने वाले इस कानून का विरोध किया था। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इस बिल के खिलाफ बोलते हुए कहा था कि इस बिल के आने से बेरोजगारी बढ़ जाएगी।

अब कर्नाटक के मंत्री आर। अशोका ने कहा कि पिछले कार्यकाल में राज्य में गौ-हत्या विधेयक लागू नहीं हो पाया था, लेकिन इस बार यह बिल फिर से लाया जाएगा और पास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस बार वह यूपी, गुजरात और एमपी के मॉडल पर चर्चा करने के लिए इन राज्यों में जा चुके हैं।

बता दें कि भारत में 80 प्रतिशत से ज्यादा हिन्दू आबादी रहती है, जिसमें अधिकतार आबादी गाय को पवित्र मानती है। केंद्र सरकार ने देश में गो रक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया है। पर्यावरण मंत्रालय ने द प्रीवेंशन ऑफ क्रुएलिटी टु एनिमल्स (रेगुलेशन ऑफ लाइवस्टॉक मार्केट्स) नियम 2017 को नोटिफाई कर दिया है। इस नोटिफ़िकेशन का मक़सद मवेशी बाजार में जानवरों की खरीद-बिक्री को रेगुलेट करने के साथ मवेशियों के खिलाफ क्रूरता रोकना है। पूरे देश मे इसको लेकर बहस शुरू हो गई है। राजनीतिक गलियारों में इस कानून को लेकर विरोध हो रहा है।

11 राज्य ऐसे हैं जहां गाय, बछड़ा, बैल और सांड की हत्या पर पूरी तरह रोक है। ये रोक जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और 2 केंद्र शासित राज्यों- दिल्ली, चंडीगढ़ में लागू है। गो-हत्या कानून के उल्लंघन होने की सूरत में इन राज्यों में कड़ी सजा का प्रावधान है। अब कर्नाटक इस दिशा में काफी आगे बढ़ चुका है।