पंढरपुर के लिए प्रस्थान करने वाली है ज्ञानेश्वर माउली की पालकी

पुणे/ समाचार ऑनलाइन

जगतगुरु संत तुकाराम महाराज की पालकी के पंढरपुर रवाना होने के बाद अब ज्ञानेश्वर महाराज (माउली) की पालकी पंढरपुर के लिए प्रस्थान करने वाली है। इस मौके पर लाखों की संख्या में भक्त मौजूद हैं। शुक्रवार सुबह से ज्ञानेश्वर माउली मंदिर में पूजा अर्चना का दौर जारी है। पालकी रवाना होने से पहले मंदिर के प्रमुख, जिलाधिकारी और सम्मानीय हस्तियों द्वारा पूजा की जाती है, इसके बाद पालकी पंढरपुर के लिए प्रस्थान करती है। यहां से रवाना होने के बाद ज्ञानेश्वर माउली की पालकी आलंदी के गांधीवाडा में रुकेगी। गांधीवाडा में ज्ञानेश्वर माउली के पूर्वज रहा करते थे। इसीलिए पालकी का पहला ठहराव यही होता है। दूसरे दिन पालकी यहाँ से पुणे की ओर रवाना की जाती है।

आलंदी से पंढरपुर की दूरी 250 किलोमीटर है, पालकी रोजाना 20 से 30 किलोमीटर की दूरी तय करके दिन ढलने पर पास के किसी गांव में रुकती है। पालकी के साथ-साथ भक्तों का हुजूम रहता है। मान्यता के अनुसार, श्री क्षेत्र पंढरपुर में भीमा नदी में एकादशी के दिन स्नान करके पूजा करना विशेष है और पूर्णिमा के दिन गोपालकाला नाम से होने वाले सामूहिक भोज से यात्रा का समापन होता है। पंढरपुर में विराजे विट्ठल के बारे में कहा जाता है कि संत तुकाराम ने विट्ठल के नाम का स्मरण किया तो एक दिन श्री हरि उनको दर्शन देने पधारे। झोपड़ी में कोई आसन नहीं था तो तुकाराम ने उन्हें एक ईंट दे दी, तब से लेकर आज तक विठ्ठल भगवान उसी ईंट पर खड़े हैं।

यातायात व्यवस्था में बदलाव
पालकी यात्रा को देखते हुए शहर की यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। कुछ इलाकों में वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई है तो कुछ में ट्रैफिक डाइवर्ट किया गया है। पुलिस इस बात का ख़ास ख्याल रख रही है कि यात्रा में शामिल भक्तों को किसी तरह की परेशानी न हो। पालकी यात्रा की सुरक्षा के लिए भी ख़ास इंतजाम किये गए हैं।