सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को लाभ का पद न दें : आप

नई दिल्ली (आईएएनएस) : समाचार ऑनलाईन – आम आदमी पार्टी (आप) ने मंगलवार को न्यायाधीशों को सेवानिवृत्ति के बाद कोई भी लाभ का पद न दिए जाने का अनुरोध किया और दावा किया कि इस तरह का पदस्थापन न्यायिक प्रणाली को प्रभावित करती है। आप के सांसद संजय सिंह ने यहां मीडिया से कहा, “सेवानिवृत्ति के बाद न्यायाधीशों को लाभ का कोई भी पद न दिए जाने की मैं मांग करता हूं। अन्यथा, इससे न्यायपालिका प्रणाली सीधे तौर पर प्रभावित होती रहेगी।”

सिंह ने कहा, “यहां तक कि (भाजपा नेता अरुण) जेटली ने कांग्रेस शासन के दौरान कहा था कि न्यायाधीशों को नियुक्त करने से अदालतों के फैसले प्रभावित होते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि अगर न्यायाधीशों को पक्ष में निर्णय दिलवाने के लिए क्रीमी पोस्टिंग का वादा किया गया तो फिर यह बहुत गंभीर मामला है।

आप के प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अपदस्थ सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में खामियां थीं। उन्होंने कहा, “भारत के मुख्य न्यायधीश (ए.के.) सीकरी के बजाय निर्णय प्रवर समिति पर छोड़ दिया गया था और सीकरी बैठक के लिए गए थे। एक महीने पहले, सीकरी को लंदन में चार साल की पोस्टिंग के साथ नौकरी की पेशकश की गई थी। यह एक भीतरी सौदा था।”

सीकरी, जिन्होंने पिछले हफ्ते आलोक वर्मा को हटाने के लिए तीन सदस्यीय समिति में सरकार के साथ पक्ष रखा था, दिसंबर में लंदन स्थित ‘कॉमनवेल्थ सेकेट्रेरिएट आर्ब्रिटल ट्राइब्यूनल’ के अध्यक्ष/सदस्य के पद पर नामित होने के लिए सहमत हुए थे। विवाद बढ़ने पर सीकरी ने रविवार को सरकार को सूचित किया कि वह नामांकन वापस ले रहे हैं।

वर्मा को हटाने को लेकर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “मैं यह भी पूछना चाहता हूं कि मोदी वर्मा को उनके पद से हटाने के लिए क्यों उत्सुक हैं? इस बात की संभावनाएं अधिक थीं कि अगर वर्मा कुछ और समय के लिए अपने पद पर बने रहते, तो राफेल सौदे की जांच शुरू हो जाती। मोदी को बचाने के लिए वर्मा को पद से हटा दिया गया।”