क्या आपको पता है एलपीजी ग्राहकों को मिलता है 50 लाख रुपए तक का बीमा 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन: आज भारत के अधिकतर घरों में रसोई गैस पर खाना बन रहा है। किसी के घर में भारत गैस का एलपीजी कनेक्शन है तो किसी के यहां इंडियन गैस का कनेक्शन है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आपके घर में रसोई गैस का कनेक्शन है तो आपको 50 लाख रुपये का बीमा मिलता है और खास बात यह है कि पिछले 25 सालों से किसी ने एलपीजी बीमा के लिए क्लेम भी नहीं किया है।
एलपीजी इंश्योरेंस – 
एलपीजी इंश्योरेंस एक दुर्घटना बीमा है और इसके लिए आपको कोई अलग से चार्ज नहीं नहीं देना होता है, क्योंकि यह बीमा पब्लिक लायबिलिटी पॉलिसी के तहत आता है। ऐसे में सभी एलपीजी कंपनियां यूनाइटेड इंश्योंरेंस कंपनी लिमिटेड में अपने रसोई गैस के ग्राहकों का इंश्योरेंस कराती हैं। अब यदि खुदा ना खास्ता किसी के यहां रसोई गैस सिलेंडर में किसी भी कारण से ब्लास्ट होता है तो गैस कंपनियों को नियम के मुताबिक बीमा देना होता है। एलपीजी गैस सिलेंडर में ब्लास्ट की भी कई कैटेगरी हैं और इन्हीं कैटेगरी के हिसाब से इंश्योरेंस की राशि मिलती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक,  पिछले 25 सालों से किसी ने बीमा के लिए दावा नहीं किया है। एलपीजी सिलेंडर से ब्लास्ट होने पर अधिकतम 50 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है। यदि किसी कारणवश एलपीजी सिलेंडर के ब्लास्ट में किसी की मौत होती है तो गैस कंपनी प्रति व्यक्ति की मौत पर 5 लाख रुपये देती है।
वहीं यदि कोई व्यक्ति गैस सिलेंडर के ब्लास्ट में घायल हो जाता है तो उसके इलाज के लिए अधिकतम 15 लाख रुपये मिलते हैं। गैस कंपनियां तत्काल 25 हजार रुपये देती हैं। वहीं यदि धमाके में किसी की संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो इसके लिए प्रॉपर्टी के हिसाब से 1 लाख रुपये तक मिलते हैं। यह राशि गैस कंपनी ही देती है।
कैसे करें क्लेम –
यदि किसी कारणवश गैस सिलेंडर से हादसा होता है तो सबसे पहले आपको स्थानीय पुलिस में रिपोर्ट लिखवानी होगी। इसके बाद अपनी गैस डिस्ट्रीब्यूटर को पुलिस रिपोर्ट की कॉपी के साथ लिखित में जानकारी देनी होती है। दर्ज करानी होती है। इसके बाद गैस डिस्ट्रीब्यूटर को एक्सीडेंट के बारे में लिखित सूचना देनी होती है।  अब डिस्ट्रीब्यूटर इस रिपोर्ट को गैस एजेंसी तक पहुंचाता है। अब जांच के लिए गैस कंपनी की एक टीम आएगी और यही टीम भुगतान की राशि तय करेगी।
किसी की मृत्यु की स्थिति में डेथ सर्टिफिकेट, पोस्ट मॉर्टम सर्टिफिकेट देना होता है, तभी आपको इंश्योरेस मिल पाएगा। वहीं एक्सीडेंट की स्थिति में मेडिकल बिल और दवा का भी बिल देना होता है। उसके बाद एक बिल बनेगा जो कि ऑयल कंपनी अदा करेगी।