हमें ‘देशभक्ति’ न सिखाएं : संजय राऊत

नई दिल्ली: समाचार ऑनलाइन- “वोट बैंक की राजनीति का हम विरोध करते हैं. फिर से हिंदुओं और मुसलमानों के बीच फूट डालने की कोशिश न करें. मानवता का कोई धर्म नहीं है. हम वही निर्णय लेंगे जो मानवता के हित में है. इसलिए किसी को हमें देशभक्ति सिखानी की जरूरत नहीं है.” इस तरह  संजय राउत ने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है.

संजय राउत ने इस बिल के बारे में बात करते हुए कहा कि,  “हमें देशभक्ति का प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता नहीं है. हम कितने हिदुत्ववादी हैं, इसका भी प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं है. यह बिल धार्मिक नहीं है, लेकिन मानवता के आधार पर इस पर चर्चा होना चाहिए. मेरा यह मानना है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश के सिख, मुस्लिम भाईयों के साथ अत्याचार हो रहा है. मैं यह भी मानता हूं कि उन्हें अपनाना चाहिए, लेकिन उसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए.” साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि, “शिवसेना कभी किसी के दबाव में नहीं आती है.”

बता दें कि सोमवार (9 दिसंबर) को नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा में पेश किया जा चूका है. इसके पक्ष में 311 तथा विरोध में 80 मत मिले थे. लोकसभा में, शिवसेना ने नागरिकता सुधार बिल का समर्थन करते हुए, सरकार के पक्ष में मतदान किया था. हालाँकि, लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करने वाली शिवसेना ने राज्यसभा में एक अलग भूमिका निभाने का संकेत दिया है.

नागरिकता संशोधन विधेयक बिल पर आज राज्यसभा में चर्चा जारी है. इस पर चर्चा के लिए 6 घंटे की अवधि निश्चित की गई है. इस बीच, लोकसभा में विधेयक का समर्थन करने वाली शिवसेना राज्यसभा में क्या भूमिका निभाएगी, इस पर सबकी नजर टिकी है.