शिवराज की फील्डिंग के चलते बोल्ड हुए कंप्यूटर बाबा?

भोपाल : समाचार – विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक सफलता हाथ लगी है। दिगंबर अखाड़े ने कंप्यूटर बाबा को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। कंप्यूटर बाबा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए थे और उन्होंने दावा किया था कि भारी संख्या में संत उनके साथ हैं, लेकिन अब तस्वीर एकदम से उलट गई है। बताया जा रहा है कि यह सबकुछ शिवराज की सियासी फील्डिंग के चलते हुआ है। कंप्यूटर बाबा भाजपा और खासकर शिवराज सिंह के खिलाफ मुखर हो गए था। उन्होंने मुख्यमंत्री पर संत समाज की उपेक्षा का आरोप लगाया था, और कहा थे कि उन्हें 13 अखाड़ों का समर्थन प्राप्त है। इसके बाद कई अन्य संतों ने भी उनके विरोधी स्वर का समर्थन किया था, मगर अब वह अकेले दिखाई दे रहे हैं।

श्री पंच रामानंदी दिगंबर अखाड़े के सचिव महंत शिवशंकर दासजी महाराज के मुताबिक, नामदेव दास उर्फ़ कंप्यूटर बाबा ने राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने के लिए किसी तरह की अनुमति नहीं ली है और न ही उन्हें अखाड़ों का समर्थन प्राप्त है। इसलिए उन्हें पद से हटाया जा रहा है। वैसे, बात केवल इतनी ही नहीं है, कंप्यूटर बाबा पर 2019 में होने वाले प्रयास कुंभ में भाग लेने पर भी रोक लगाईं गई है।

दिगंबर अखाड़े के साथ ही अभा अखाड़ा परिषद ने भी कंप्यूटर बाबा पर निशाना साधा है। परिषद के अध्यक्ष श्रीमंत नरेंद्र गिरिजी महाराज ने कहा कि कंप्यूटर बाबा ने अखाड़ों की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। उनके खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। उन्हें 13 अखाड़ों का समर्थन हासिल नहीं है। उधर, कंप्यूटर बाबा का कहना है कि उन्हें संतों के इस फैसले के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह संत समाज की रक्षा के लिए पैदा हुए हैं न कि भाजपा सरकार की गुलामी के लिए। बाबा ने शिवराज सरकार को धर्म विरोधी बताते हुए कहा कि उनके खिलाफ कोई कुछ भी कर ले, लेकिन वो सरकार को छोड़ेंगे नहीं।