‘पुम्बई’ की वजह से प्रति शिर्डी के वजूद को निर्माण हुआ खतरा!

टाउनशिप के विज्ञापन की होर्डिंग पर पोती कालिख

मावल। पुणे समाचार ऑनलाइन

प्रति शिर्डी के रूप में चुहुँओर विख्यात मावल तालुका के शिरगांव के वजूद के लिए खतरा निर्माण हो गया है। यह आरोप लगाते हुए शिरगांव और तलेगांव के स्थानीय कार्यकर्ताओं ने यहां विकसित हो रही एक टाऊनशिप के विज्ञापन करनेवाली होर्डिंग्स पर कालिख पोत कर बिल्डर की कड़े शब्दों में निंदा की और इसे गम्भीर मामला बताकर प्रशासन से दखलंदाजी की मांग की है।

साईबाबा के मंदिर शिर्डी की धरती पर शिरगांव में प्रति शिर्डी निर्माण की गई है। न केवल पुणे, मुंबई बल्कि दूसरे राज्यों से भी श्रद्धालुओं की यहां भीड़ उमड़ती है। अब शिरगांव को प्रति शिर्डी के तौर पर जाना- पहचाना जा रहा है। इसके चलते यहां रिहायशी कंस्ट्रकशन्स जोरों में है। न केवल पुणे, पिंपरी चिंचवड़ बल्कि मुंबई तक के बिल्डरों की यहां पर एक से एक कंस्ट्रक्शन साइट का निर्माण शुरू है। कोहिनूर पुणे और महालक्ष्मी ग्रुप द्वारा यहां पर अभिमान टाउनशिप का निर्माण किया जा रहा है। इस परियोजना के विज्ञापन जिस शब्द से किया जा रहा है, उसपर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है।

क्या है पूरा मामला?

असल में इस टाऊनशिप की विज्ञापनबाजी के लिए बिल्डरों ने पुणे के ‘पु’ और मुंबई के ‘म्बई’ इन दो शब्दों को जोड़कर नया ‘पुम्बई’ शब्द खोज निकाला है। इतना ही नहीं इस शब्द को पुणे- मुंबई हाईवे, एक्सप्रेस वे, बेंगलुरु- पुणे हाइवे पर पुणे, पिंपरी चिंचवड़ से लेकर मुंबई तक लगाये गए होर्डिंगों पर इस्तेमाल किया गया है। इस पर स्थानीय कार्यकर्ताओं ने कड़ी आपत्ति जताई है। दिलीप डोलस, समीर बनसोडे, तलेगांव स्टेशन इकाई के आरपीआई अध्यक्ष सुनिल पवार, वीरचक्र मित्र मंडल के चन्दन कारके, नितिन बनसोडे, विनायक ईनामदार, मयुर ढमाले, विशाल मोडवे, समिर बनसोडे, अनिल पवार, अविनाश कांबले, प्रशांत पवार, अक्षय चौधरी आदि ने शुक्रवार को इलाके में लगे होर्डिंग बोर्डों पर कालिख पोत कर बिल्डरों की कड़ी निंदा की। उनका कहना है कि इससे शिरगांव और आसपास के इलाकों की मूल पहचान मिटने का खतरा बढ़ गया है।