मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप पर गम्भीर हुआ निर्वाचन आयोग; जांच के लिए कमिटी गठित

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

मध्यप्रदेश मतदाता सूची में गड़बड़ी की शिकायत को लेकर कांग्रेस ने चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाने के बाद आयोग ने इसकी जांच के लिए कमिटी के गठन किया है। कांग्रेस का आरोप है कि, 1 जनवरी 2018 को प्रसिद्ध मतदाता सूची में 60 लाख फर्जी वोटर हैं और इसके पीछे सत्ताधारी बीजेपी की साजिश है। पूरे मामले की जांच कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग भी की है। चुनाव आयोग ने एक टीम का गठन किया है जो अलग अलग विधानसभाओं में जाकर जांच करेगी और सात जून तक अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंपेगी।

कांग्रेस नेताओं ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मतदाता सूची से जुड़ी कई गड़बड़ियों का ब्यौरा दिया। इसमें एक ही व्यक्ति का नाम अलग अलग बूथ की मतदाता सूची में दर्ज रहने, कई वोटरों की एक ही तस्वीर रहने के साथ यह आरोप लगाया कि, मध्यप्रदेश से सटे राज्यों के इलाकों में कई लोग ऐसे हैं जिनका नाम दोनों राज्यों की वोटर लिस्ट में है। कांग्रेस का दावा है कि मध्यप्रदेश की आबादी तो 24 फीसदी बढ़ी है लेकिन मतदाता 40 फीसदी बढ़ गए हैं। मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने वोटर लिस्ट में गड़बड़ी को लोकतंत्र के सीने पर छुरा घोंपने जैसा बताया।

उन्होंने चुनाव आयोग से वोटर लिस्ट की दुबारा जांच करने, हर रिटर्निंग ऑफिसर से सर्टिफिकेट मांगने, जिन्होंने बोगस वोटर को शामिल किया हो उनपर कार्रवाई करने, अगली सूची में भी अगर गड़बड़ी पाई जाती है तो अधिकारी पर कार्रवाई करने, दोषियों को 6-10 साल तक किसी भी मतदान कार्य प्रक्रिया में शामिल नहीं करने की मांग की है। कांग्रेस के कानूनी विभाग के प्रमुख विवेक तन्खा ने कहा कि, ये मामला मध्यप्रदेश का है लेकिन अंदाजा लगाया जा सकता है बाकी देश की क्या हालत होगी। कांग्रेस दूसरे राज्यों में भी मतदाता सूची की जांच का मुद्दा उठाएगी। नेताओं ने मतदाता सूची में गड़बड़ी के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर बीजेपी शिकायत नहीं कर रही क्योंकि उनकी मिलीभगत है।