चुनाव निर्विरोध, पटाखे बजे, जीत की रैलियां भी सजी, मगर अनशनकारियों की किसी ने नहीं ली सुध

पिंपरी। पुणे समाचार

क्षेत्रीय कार्यालय समितियों के स्वीकृत सदस्य पद के चुनाव से मचे घमासान के चलते सत्ताधारी भाजपा दोफाड़ की कगार पर आ खड़ी है। बीती रात से आज दोपहर तक चले इस रणकन्दन के बाद आठों क्षेत्रीय कार्यालयों में स्वीकृत सदस्य के चुनाव निर्विरोध सम्पन्न हुए। विजेताओं ने जीत की खुशी मनाई, पटाखों की आतिशबाजी की, रैलियां भी निकाली। मगर अपने ऊपर अन्याय होने का आरोप लगाकर पिंपरी चौक में सुबह से अनशन पर बैठे पुराने भाजपाइयों की किसी ने कोई सुध नहीं ली।

इस चुनाव से मनपा की सत्ताधारी भाजपा में नए और पुराने भाजपाइयों का विवाद फिर गहरा गया है। मनपा चुनाव से लेकर अब तक केवल ‘आयाराम- गयाराम’ वालों को ही पद दिये गए। क्षेत्रीय समिति के स्वीकृत सदस्य पद तक से पुराने भाजपाइयों को वंचित रखा गया। जब शहर में भाजपा के बुरे दिन थे तब यहां पार्टी का वजूद बनाये रखनेवालों के साथ ‘मोदी लहर’ का लाभ उठाने भाजपा में शामिल हुए नेताओं द्वारा लगातार नाइंसाफी की जा रही है। इस तरह के आरोप लगाते हुए पुराने भाजपाइयों ने पिंपरी चौक में अनशन शुरू किया है। उनके अनशन तक की सुध वरिष्ठ स्तर से नहीं ली जा रही है।

संगठन मंत्री को सुनाई खरी-खोटी

भाजपा के पुराने निष्ठावानों के अनशन की जानकारी मिलने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता व संगठन मंत्री रवि अनासपुरे ने अनशनकारियों को फोन पर इस तरह की भूमिका से पार्टी की छवि को मलिन न करने की सलाह दी। इस पर अनशनकारियों ने उन्हें अपने ऊपर हो रहे अन्याय का पहाड़ा गिनाते हुए खूब खरी- खोटी सुनाई। एक बुजुर्ग कार्यकर्ता ने अपनी बढ़ती उम्र और पार्टी में दिए गए योगदान का दाखिला देकर सवाल उठाया कि, क्या मरने के बाद ही पार्टी उनके कामों की दखल लेगी। ‘मोदी लहर’ का लाभ उठाकर चुनाव जीतने और पद पाने के लिए भाजपा में शामिल होनेवालों के हाथों में पार्टी की कमान सौंपी गई है। उनसे अगर पुराने भाजपाइयों को इंसाफ नहीं मिलता है तो किसके पास दरकार लगाए? उन्हें किसी का आधार नहीं है।

बातचीत के लिए बनी समन्वय समिति

बहरहाल पार्टी के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप की सूचना पर नगरसेवक और पदाधिकारियों की एक समन्वयक समिति बनाकर अनशनकारियों से बातचीत के लिए भेजा गया है। इस समिति में वरिष्ठ नगरसेवक विलास मडेगीरी, शीतल शिंदे, पार्टी के महासचिव प्रमोद निसल, वरिष्ठ नेता महेश कुलकर्णी आदि का समावेश है। यह समिति शाम को अनशनकारियों से मिलने पहुँची और दोनों पक्षों के बीच चर्चा विमर्श जारी है। अनशनकारियों ने वरिष्ठ स्तर से आगे से उनपर अन्याय नहीं होने देने की गारंटी मांगी है। खबर लिखने तक अनशन और चर्चा दोनों जारी थी।