राजधानी दिल्ली में ‘आपातकाल’, हवा हुई जहरीली 

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी – देश की राजधानी दिल्ली में लगातार हवा जहरीली हो रही है। धूल, धुआं और प्रदूषण मिश्रित विषैली धुंध के कारण राजधानी में प्रदूषण आपातकाल जैसी स्थिति बन गई है। गुरुवार की सुबह दिल्ली के साथ एनसीआर के इलाकों में भी हवा में प्रदूषण का कई गुना ज्यादा पायी गई है। ऐसे में प्रदूषण के मद्देनजर हालात आपातकाल की तरह बढ़ते दिखाई दे रही है। अगर हालात में सुधार नहीं हुआ तो स्कूलों को बंद करने का एलान भी किया जा सकता है। क्योंकि प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित बुजुर्गों के बाद बच्चे ही होते हैं।
इससे पहले यानी बुधवार को हवा की गति कुछ बढ़ी तो दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में भी थोड़ा सुधार नजर आया। हालांकि लोगों को इस सुधार से कुछ खास राहत का एहसास नहीं हुआ। आठ से दस किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का ही नतीजा रहा कि वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया। सीपीसीबी के अनुसार मंगलवार को दिल्ली का जो एयर इंडेक्स 401 तक पहुंच गया था, बुधवार को गिर कर 358 पर आ गया। एनसीआर का हाल भी मंगलवार के मुकाबले सुधर गया।
बुधवार को सिर्फ गुरुग्राम का ही एयर इंडेक्स खतरनाक स्तर 416 पर रहा। भिवाड़ी में एयर इंडेक्स सामान्य स्तर पर 161 रहा। फरीदाबाद में 388, गाजियाबाद में 362, ग्रेटर नोएडा में 383, नोएडा में 347 रहा। यह सभी बेहद खराब श्रेणी में हैं। सफर इंडिया के आकलन के अनुसार बृहस्पतिवार को भी दिल्ली इनसीआर का हाल ऐसा ही रहने का अनुमान है। तीन नवंबर यानि शनिवार से स्थिति फिर बदलने वाली है। इसकी वजह हिमालय क्षेत्र के सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हवा की गति में कमी आना और हवा में नमी का काफी अधिक बढ़ जाना है। हालांकि दोपहर के समय ही हवा कम प्रदूषित रहेगी।
सुबह शाम हवा में प्रदूषक तत्वों की संख्या काफी अधिक होगी, जिसकी वजह से लोग परेशानी का अनुभव करेंगे। सफर की ताजा जानकारी के अनुसार हरियाणा और पंजाब में पिछले तीन दिनों के दौरान काफी पराली जलाई गई है। इसका असर मंगलवार को साफ नजर आया। वहीं ऊपरी स्तह पर हवा की गति माध्यम होने के कारण पराली से आने वाले प्रदूषक तत्वों का बुधवार को व्यापक असर नहीं दिखा। इस बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डा. हर्षवर्धन ने फिर कहा है कि दीपावली पर दीप जलाएं, पटाखों से दूरी बनाएं। पर्यावरण को बचानें और अस्थमा के रोगियों की मदद के लिए लोग स्वयं आगे आएं।