मराठा आंदोलन में जान गंवाने वाले युवकों के परिजनों को नौकरी मिलेगी

मुंबई : समाचार ऑनलाइन – मराठा समाज को आरक्षण दिलाने अपनी जान की आहुति देने वाले युवकों के परिवारों के एक-एक सदस्य को एसटी विभाग में नौकरी दी जाएगी। यह महत्वपूर्ण घोषणा परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने शनिवार को अपने निवास स्थान पर की। दो दिन पहले आजाद मैदान में अनशन पर बैठे मराठा क्रांति मोर्चा के आयोजकों ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से आंदोलन में जान गंवाने वाले युवकों के परिवारजनों को सरकारी नौकरी दिलाने की मांग की थी। इसी क्रम में परिवहन मंत्री ने यह घोषणा की।

मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग को लेकर मूक मोर्चे निकाले गए थे। इस आंदोलन में 42 युवकों ने जान गंवाई थी। जिस मांग को लेकर इन युवकों ने जान गंवाई वह मांग सरकार ने पूर्ण कर दी है। 1 दिसंबर से यह कानून भी लागू किया जा चुका है। राज्य सरकार द्वारा मराठा समाज को 16% आरक्षण की घोषणा की गई है। अब कुछ अन्य मांगों को लेकर मराठा क्रांति मोर्चा द्वारा आजाद मैदान पर आंदोलन किया जा रहा है। इनमें आंदोलनकारियों के खिलाफ दर्ज किए गए केस समाप्त करने तथा जान गंवाने वाले युवकों के परिवारों को सहायता दिए जाने की मांग शामिल है।
मराठा समाज को आरक्षण की घोषणा के बाद आंदोलन समाप्त किए जाने को लेकर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मध्यस्थता की व आंदोलन समाप्त किया गया। उद्धव ठाकरे ने जान गंवाने वाले सभी युवकों के परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था। इस आश्वासन के अनुसार परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने यह घोषणा की।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मराठा समाज को नौकरियों में आरक्षण तुरंत लागू करने की घोषणा शीतकालीन अधिवेशन के अंतिम दिन की थी। उसके बाद शनिवार को दिवाकर रावते ने पत्रकार-वार्ता आयोजित कर सभी युवकों के परिवार के एक-एक सदस्य को एसटी महामंडल में नौकरी दिए जाने की घोषणा की।

मराठा आंदोलन की शुरुआत के बाद औरंगाबाद में कायगांव टोका में काकासाहब शिंदे नाम युवक ने गोदावरी नदी में कूद कर आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद राज्य में विभिन्न जगहों पर 42 युवकों ने आत्महत्या की। इन सभी युवकों के परिवारों को राहत देते हुए राज्य सरकार ने इनके परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी दिए जाने की घोषणा की है।