FATF की पाकिस्तान को डांट, भारत ने भी कहा- टेरर फंडिंग रोके पड़ोसी मुल्क

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाईन – आतंकवादियों की फंडिंग रोक पाने में नाकाम पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की खरी-खोटी के बाद भारत ने भी उस पर निशाना साधा है. भारत ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि पड़ोसी देश सितंबर 2019 तक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के मानदंडों को पूरा करेगा. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पिछले साल जून में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला था.

अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद को फंडिंग की निगरानी करने वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को वित्त पोषण पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है जिसके तहत उसे काली सूची में डाला जा सकता है.
टेरर फंडिंग, मनी लॉन्ड्रिग के खिलाफ काम करने वाली पेरिस स्थित फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान से देश में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों के संचालन को लेकर फिर से विचार करने को कहा है.

एफएटीएफ रिपोर्ट के संबंध में मीडिया के सवालों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि एफएटीएफ ने कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहने की वजह से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आईसीआरजी) की निगरानी के लिए अपने अनुपालन दस्तावेज यानी ग्रे लिस्ट में जारी रखने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा, महमें उम्मीद है कि निश्चित समय सीमा के भीतर पाकिस्तान ऋढऋ की कार्य योजना को लागू करने के वास्ते सितंबर 2019 तक सभी आवश्यक कदम उठाएगा. उम्मीद है कि पाकिस्तान राजनीतिक प्रतिबद्धता को पूरा करने, आतंकवाद को फंडिंग करने और आतंकवाद से जुड़ी वैश्विक चिंताओं को दूर करेगा.फ भारत ने अपनी जमीन से आतंकवाद को फंडिंग करने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगाने के एफएटीएफ के कदम का स्वागत किया है.

गौरतलब है कि शुक्रवार को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को वित्त पोषण पर अपनी कार्य योजना को पूरा करने में विफल रहा है. एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अक्टूबर तक अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने या कार्रवाई का सामना करने की चेतावनी दी है, जिसके तहत उसे काली सूची में डाला जा सकता है.

फ्लोरिडा के ओरलैंडो में अपनी पूर्ण बैठक के समापन पर जारी बयान में, एफएटीएफ ने चिंता व्यक्त की है कि, मफन केवल पाकिस्तान जनवरी की समय सीमा के साथ अपनी कार्ययोजना को पूरा करने में विफल रहा, बल्कि वह मई 2019 तक भी अपनी कार्य योजना को पूरा करने में भी विफल रहा है. एफएटीएफ ने मफकड़ाई से पाकिस्तान से अक्टूबर 2019 तक अपनी कार्ययोजना को पूरा करने का अनुरोध किया है.

ब्लैक लिस्ट होने से बच गया पाक
वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को एफएटीएफ के तीन सदस्य देशों ने  ङ्गब्लैकफ सूची में जाने से बचा लिया है. इसमें एक चीन भी है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाक एफएटीएफ के सदस्य देशों से समर्थन हासिल करने के लिए लगातार कूटनीतिक कोशिश कर रहा था, जिसके बाद तुर्की, चीन और मलेशिया का समर्थन पाने में कामयाब रहा. पाकिस्तान अभी बच तो गया, लेकिन खतरा अभी टला नहीं है क्योंकि संस्था इस साल अक्टूबर में आधिकारिक तौर पर अपना फैसला सुनाएगी. हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने इस पर कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

ब्रिटेन की यात्रा पर गए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने दावा किया कि ब्रिटेन ने पाकिस्तान के ग्रेफ सूची से बाहर निकलने के प्रयासों का समर्थन करने पर सहमति दी है. नियम के मुताबिक, ब्लैक सूची में जाने से बचने के लिए कम से कम तीन सदस्य देशों का समर्थन मिलना जरूरी है, जबकि ङ्गग्रेफ सूची से बाहर आने के लिए 36 वोटों में से 15 वोट मिलने जरूरी है.