सरकारी स्कूलों में दिखाई जाएगी मोदी पर बनी फिल्म!

पुणे। समाचार ऑनलाइन

विपक्ष ने जताया कड़ा ऐतराज  
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी 32 मिनट की फिल्म ‘चलो जीते हैं’ को अगले सप्ताह महाराष्ट्र के सभी सरकारी स्कूलों में दिखाने की तैयारी जारी है।पिछले कुछ महीनों में यह फिल्म राष्ट्रपति, कैबिनेट मंत्रियों और शीर्ष सरकारी अधिकारियों द्वारा देखी जा चुकी है। इसके अलावा कुछ निजी टेलीविजन चैनलों पर यह 29 जुलाई को प्रसारित की जा चुकी है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी फिल्म ‘चलो जीते हैं’ को अगले सप्ताह राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर जारी एक तथाकथित आदेश की आलोचना की है।
[amazon_link asins=’B077RTRHHQ,B078FZJD5F’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’9f79864c-b723-11e8-b423-3b62253e6f27′]
कांग्रेस और राष्‍ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने इसे मोदी को ‘अवतार’ बनाए जाने का प्रयास करार दिया है। व्हाट्सएप पर प्रसारित एक आदेश के अनुसार कई सरकारी स्कूलों को प्राप्त कथित आदेश के अनुसार, उन्हें इस फिल्म को प्राथमिक या माध्यमिक विद्यार्थियों को 18 सितंबर को सुबह 10 बजे से तीन बजे तक के बीच दिखाना आवश्यक है। हांलाकि महाराष्ट्र सरकार के शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि विभाग की और से इस तरह का कोई आदेश जारी नहीं किया गया है। मगर व्हाट्सऐप पर वायरल हो रहे एक आदेश पर सियासी गलियारे में खासा घमासान मचा है।
[amazon_link asins=’B075FY4RWK,B07D11MDBS’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’a87a5d79-b723-11e8-8d32-23bcc045bee4′]
महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सांवत ने कहा, ‘केवल एक फिल्म ही क्यों? सरकार मोदी पर पूरा पाठ्यक्रम शुरू कर सकती है। उनके नाम पर कॉलेजों में पुरस्कार दे सकती है। उसके बाद सभी विश्वविद्यालयों के नाम बदल सकती है, ताकि यह साबित कर सके कि मोदी एक अवतार हैं। वहीँ राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रवक्ता नवाब मलिक ने कहा कि इस तरह का कदम लोगों के बीच प्रधानमंत्री की गिरती लोकप्रियता को रोकने के लिए है और स्कूलों में फिल्म दिखाने के इस तरह के कदम का कड़ाई से विरोध किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र प्रिंसिपल असोसिएशन के अध्यक्ष प्रशांत रेडिज ने कहा कि इस तरह का कोई कदम अत्यंत निंदनीय है और यदि उन्हें कोई आधिकारिक आदेश प्राप्त होता है तो एमपीए इसका विरोध करेगी।