अंततः आठ दिन से जारी ट्रांसपोर्टर्स की हड़ताल खत्म

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी

देशभर में पिछले 8 दिनों से चल रही ट्रांसपोर्टर्स और बस ऑपरेटर्स की हड़ताल आखिरकार खत्म हो गई।ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस द्वारा घोषित इस हड़ताल से देशभर में करीब 93 लाख ट्रकों के पहिए थमे हुए थे। देर शाम तक सरकार के साथ हुुुई बातचीत में ट्रांसपोर्टर्स की 80 फीसदी मांगों मान ली गई है। हांलाकि डीजल पर जीएसटी लागू करने पर सहमति नहीं बन पाई है। सरकार की ओर से इस दिशा में आगे कदम उठाने का भरोसा दिलाया गया है।

केंद्रीय सामाजिक न्याय तथा सशक्तिकरण केंद्रीय राज्य मंत्री विजय सांपला ने ट्विट कर बताया है कि ट्रक एसोसिएशन के प्रतिनिधि मुझसे मिले थे। उनकी मांगों के विषय पर चर्चा के बाद केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के साथ चर्चा हुई। पांच घंटे तक चली इस लंबी बैठक के बाद सरकार और ट्रांसपोर्टर में सहमति बन गई है, जल्द हड़ताल खत्म करने की घोषणा होगी। परिवहन मंत्री गडकरी ने भी ट्वीट के जरिए ट्रांसपोर्टर्स के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने बताया कि, उनकी विभिन्न मांगों में से कई मांगो को सरकार ने पहले ही मान ली थी। अन्य मांगों को लेकर उच्च स्तरीय समिति गठित की गई है।
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गौरतलब हो कि, अपनी मांगों को लेकर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने अनिश्चितकालीन देशव्यापी चक्काजाम का आह्वान किया था। जिसके बाद से ही पूरे देश के सभी ट्रक ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर चले गए थे। महाराष्ट्र समेत देश भर में इसका असर देखने को मिल रहा था। इतना ही नहीं इसका सबसे ज्यादा असर फल और सब्जी कीमतों पर पड़ा था। इस हड़ताल के चलते गत सप्ताह के शुक्रवार से करीब 93 लाख ट्रक और 50 लाख बसों के पहिये थम गए थे। ट्रांसपोर्टर्स की मांग की थी कि, डीजल की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाया जाए या फिर मौजूदा समय में इनपर केन्द्रीय व राज्यों की तरफ से लगने वाले टैक्स को कम किया जाए।टोल कलेक्शन सिस्टम को भी बदला जाए क्योंकि टोल प्लाजा पर र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होता है। थर्ड पार्टी बीमा प्रिमियम पर जीएसटी की छूट मिले और इससे एजेंट्स को मिलने वाले अतिरिक्त कमिशन को भी खत्म किया जाए।