पुणे में जलप्रलय ने ली 17 जानें; 4 लोग गायब

पुणे : समाचार ऑनलाईन –  महाराष्ट्र के पुणे शहर और जिले के विभिन्न क्षेत्रों में गत तीन दिन से जारी मूसलाधार बारिश ने बुधवार की रात कहर बरपाया है। बादल फटने के बाद होनेवाली बारिश की तरह रात भर पानी बरसता रहा, जिससे फिर एक बार जिले में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई। भारी बारिश के चलते दीवार गिरने एवं अन्य घटनाओं में 17 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा चार लोगों के गुमशुदा होने की खबर है। अकेले दक्षिणी पुणे में 12 मौतें दर्ज हुई हैं। इसके साथ ही दो लोगों के गायब रहने जानकारी मिली है। खेड़ शिवापुर में चार और पुरन्दर में एक मौत हुई है।
बुधवार को भारी बारिश के बाद पुणे और आसपास के क्षेत्रों के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन गए। सिंहगढ़ रोड, धनकवड़ी, बालाजीनगर,आम्बेगांव, सहाकर नगर, पार्वती, कोल्हेवाड़ी और किरकिटवाडी, रानपिसे में पानी भरने की खबरें आई हैं। प्रशासन के अधिकारियों ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार रात में पुणे में भारी बारिश के बाद करीब साढ़े दस हजार से ज्यादा लोगों को पानी भरी जगहों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। एहतियात के तौर पर आज पुणे शहर और जिले के पुरन्दर, हवेली, भोर, बारामती तालुका के स्कूल- कॉलेजों को छुट्टी दी गई।
पुणे मनपा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी प्रशांत रनपिसे ने बताया कि नौ साल के एक लड़के समेत पांच लोगों की बुधवार रात अरण्येवश्वर क्षेत्र में दीवार गिरने से मौत हो गई। दरअसल भारी बारिश के बाद क्षेत्र में पानी भर गया था। एक अन्य घटना में सहकारनगर क्षेत्र में एक व्यक्ति का शव मिला। इस क्षेत्र में पानी भरा हुआ है। वहीं एक व्यक्ति का शव एक कार से मिला, जो सिंहगढ़ रोड पर पानी में बह गई थी। पुणे जिला पुलिस के अनुसार खेड़-शिवपुर गांव में दरगाह पर सो रहे पांच लोग भारी बारिश में बह गए। वहीं पुरंदर में दो लोगों के लापता होने की खबर है।
बारामती समेत जिले में दस हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा गया गया है क्योंकि नाझरे बांध से पानी छोड़ा गया है। ये बांध जेजुरी के निकट कारहा नदी पर बना है। बुधवार रात में पुणे में भारी बारिश के बाद करीब 500 से ज्यादा लोगों को पानी भरी जगहों से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। अग्निशमन विभाग के मुुुताबिक गुरुवार को बारिश रुक गई लेकिन निचले इलाके के कई आवासीय सोसाइटी और घर पानी में डूबे हैं। दीवार गिरने और पेड़ उखड़ने के कई मामले सामने आए हैँ।
मुख्यमंत्री ने जताया दुख
इसी बीच मुख्यमंत्री फडणवीस ने बाढ़ संबंधित घटनाओं में लोगों की मौत हो जाने पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ”मेरी गहरी संवेदनाएं परिवारों के प्रति है। हम जरूरी सभी संभव सुविधाएं लोगों को मुहैया करा रहे हैं। राज्य आपद प्रबंधन के अधिकारी और नियंत्रण कक्ष सभी पुणे के कलेक्टर और पुणे नगर निगम के संपर्क में हैं। एनडीआरएफ की दो टीमों को पुणे और बारामती में तैनात किया गया है। एक एनडीआरएफ टीम बारामती पहुंच रही है। राज्य सरकार भी बांध से पानी छोड़े जाने पर करीबी नजर रखे हुए है।”
मुख्यमंत्री को लोगों के प्रति कोई संवेदना नहीं: मुंडे
विधानपरिषद में विपक्षी दल के नेता धनंजय मुंडे ने पुणे में जलप्रलय से मचे हाहाकार को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा कि, पुणे में बारिश के चलते भीषण हालात बने हुए हैं। अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। मगर राज्य के मुख्यमंत्री दिल्ली जाकर बैठे हुए हैं। उन्हें जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं है। क्योंकि उन्हें लोगों से ज्यादा चुनाव की चिंता है। इसलिए तो वे पुणे में आपदाग्रस्त लोगों की मदद करने की बजाय चुनावी कामकाज के लिए दिल्ली जाकर बैठे हुए हैं। जब पश्चिम महाराष्ट्र में बाढ़ ने तबाही मचाई थी तब भी वे चुनावी प्रचार में व्यस्त रहे। मुंडे ने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि वे पुणे में ज्यादा सतर्क रहें और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर उनकी सहायता करें।