15 अगस्त को कुछ बड़ा करने के फ़िराक में है आतंकी

श्रीनगर : समाचार ऑनलाइन – भारतीय खुफिया एजेंसी को इनपुट मिले हैं पाकिस्तान 15 अगस्त के मौके पर कश्मीर की किसी आतंकी घटना को अंजाम देने की फिराक में है। बता दें कि ये कोई नयी बात नहीं है। 26 जनवरी और 15 अगस्त हमेशा से आतंकी के नज़र में रहा है हर बार आतंकी कुछ न कुछ साजिश जरूर करते है लेकिन हमारे देश के वीर जवानों ने हर बार इसे नाकाम कर दिया है। इस बार भी कुछ ऐसे ही संकेत मिले है। जिसके बाद से हमारे सुरक्षाकर्मी चौकाने हो गए है। जिसके बाद कश्मीर में अतिरिक्त जवानों की तैनाती भी की गयी है।

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को अतिरिक्त अर्धसैन्य बलों की तैनाती के बाद से ही आर्टिकल 35 ए या 370 पर फैसले की चर्चा तेज हो गई थी। हालांकि खुफिया अधिकारी ने इसका खंडन करते हुए कहा कि कश्मीर में जवानों की तैनाती आतंकी साजिश को नाकाम करने के लिए की गई है। खुफिया एजेंसी के मुताबिक, घाटी में सुस्त पड़े अलगाववादियों के ‘मनोबल’ को मजबूत करने के लिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई 15 अगस्त को किसी आतंकी घटना की साजिश रच रहे हैं। अधिकारी ने बताया कि कश्मीर में अलगाववादियों के ठिकानों पर हो रही छापेमारी से कश्मीर में आतंकवाद की घटनाओं में कमी आई है और इससे पाकिस्तान बेचैन है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दिनों घाटी में पर्यटन में भी इजाफा हुआ है। होटेल फुल हैं। अमरनाथ यात्रियों की संख्या भी अधिक है और पत्थरबाजी की घटनाएं भी कम हुई हैं। जिससे घाटी में मौजूद आतंकवादियों के पाकिस्तान स्थित हैंडलर निराश है और कश्मीर में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं।

घाटी में जवानों हलचल तेज –
बता दें कि इससे पहले चर्चा थी कि केंद्र सरकार कश्मीर में 35ए हटाने की तैयारी कर रही है। इसीलिए कश्मीर में अर्धसैन्य बलों की 100 टुकड़ियां भेजी गई हैं। आर्टिकल 370 और 35ए को हटाना मोदी सरकार के अजेंडे में है, लेकिन मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए सरकार हड़बड़ी में फैसला नहीं लेना चाहेगी।

वहीं जम्मू-कश्मीर के बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के एक अधिकारी की कर्मचारियों को लिखी चिट्ठी से विवाद खड़ा हो गया है। अधिकारी ने इस चिट्ठी में आने वाले दिनों में कश्मीर में तनाव और हिंसा की आशंका जाहिर करते हुए कर्मचारियों को आगाह किया है।

क्या लिखा है चिट्ठी में –
‘कश्मीर घाटी में लंबे समय तक स्थिति के बिगड़ने की आशंका और कानून व्यवस्था के संबंध में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी/जीआरपी/ एसआईएनए (श्रीनगर के सरकारी रेलवे पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक) से मिली जानकारी के अनुरूप 27 जुलाई को एहतियात सुरक्षा बैठक हुई।’ ‘कश्मीर में हालात बिगड़ने वाले हैं। ऐसे में कर्मचारी कम से कम चार महीने के लिए राशन इकट्ठा कर लें। अपने परिवार को घाटी के बाहर भेज दें।’

इस चिट्ठी के वायरल होने के बाद रेलवे बोर्ड के प्रवक्ता ने स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि ये चिट्ठी वरिष्ठ संभागीय सुरक्षा आयुक्त से बस एक पद नीचे के अधिकारी द्वारा बिना किसी अधिकार के लिखा गया। जबकि, वह 26 जुलाई से एक साल के स्टडी लीव पर गए हैं।