भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान वाडेकर अनंत में विलीन 

मुंबई। समाचार ऑनलाइन 
भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और बल्लेबाज अजीत वाडेकर का 77 साल की उम्र में देहांत हो गया। वो लंबे वक्त से कैंसर की बीमारी से लड़ रहे थे। शुक्रवार को मुंबई के शिवाजी पार्क में उनकी पार्थिव देह का पूरे सरकारी सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उनके दोनों बेटे विदेश में थे उनके लौटने पर आज वाडेकर का अंतिम संस्कार किया गया। विदेश की धरती पर टेस्ट सीरीज में भारत को पहली जीत दिलाने वाले पूर्व क्रिकेट कप्तान वाडेकर ने बुधवार को दक्षिण मुंबई के जसलोक अस्पताल में अंतिम सांस ली।
वर्ली सी फेज के स्पोर्टसफील्ड स्थित वाडेकर के निवास स्थान पर उनका पार्थिव देह अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। यहाँ पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, विनोद कांबली,  साबा करीम, सांसद संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता सुनील तटकरे समेत खेल, क्रिकेट, मनोरंजन, राजनीति क्षेत्र की हस्तियों ने स्व वाडेकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। पुलिस की सलामी के बाद उनकी अंतिम यात्रा निकली। उनके परिवार में पत्नी रेखा के अलावा दो बेटे और एक बेटी रह गई है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाडेकर को महान बल्लेबाज, शानदार कप्तान और प्रभावी क्रिकेट प्रशासक बताते हुए उनके निधन पर शोक जताया है।
[amazon_link asins=’B018VVSIW6,B078XF8WXY’ template=’ProductCarousel’ store=’policenama100-21′ marketplace=’IN’ link_id=’2d0f01df-a20e-11e8-8f5a-df399d91a372′]
प्रधानमंत्री ने जताया शोक
प्रधानमंत्री ने ट्वीट करके पूर्व कप्तान के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, ‘अजीत वाडेकर भारतीय क्रिकेट में अपने अनूठे योगदान के लिए याद किए जाएंगे। वो न सिर्फ एक शानदार बल्लेबाज थे बल्कि एक बेहतरीन कप्तान भी थे। उन्होंने अपनी कप्तानी में टीम को कई यादगार जीत दिलाईं। उन्होंने क्रिकेट प्रशासक के रूप में भी काफी सम्मान प्राप्त किया। उनके जाने का दुख है।’ प्रधानमंत्री के अलावा बीसीसीआई ने भी वाडेकर को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। बीसीसीआई ने ट्वीट किया, ‘हमे भारी मन से अजीत वाडेकर को नमन करते हैं। पूर्व भारतीय कप्तान अब हमारे बीच नहीं हैं। उन्होंने क्रिकेटर, कोच, मैनेजर और सलेक्टर चेयरमैन, सभी रूपों में भारतीय क्रिकेट की सेवी की।’
सफल कप्तानों में होती है गिनती
वाडेकर की गिनती भारत के सफल कप्तानों में होती है। वे बाएं हाथ के बल्लेबाज व कुशल फील्डर थे। उनका अन्तरराष्ट्रीय करियर आठ वर्ष का रहा। वाडेकर भारतीय क्रिकेट टीम के एकमात्र ऐसे कप्तान थे, जिन्होंने लगातार तीन सीरीज में टीम को जीत दिलायी। इनमें इंग्लैंड और वेस्टइंडीज की धरती पर भारत की जीत शामिल है। उन्होंने 37 टेस्ट मैच खेले, जिनमें 31.07 की औसत से 2113 रन बनाए। उन्होंने एकमात्र शतक (143 रन) 1967-68 में न्यूजीलैंड के विरुद्ध लगाया था। वाडेकर चार बार 90 या अधिक रन बनाकर आउट हुए, पर शतक पूरा नहीं कर सके थे। अजीत वाडेकर ने 1966 में टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था। उन्होंने लगभग आठ साल तक भारत के लिए खेला।
ऐसा था क्रिकेट करियर
वाडेकर को सन 1971 में वेस्ट इंडीज और इंग्लैंड के दौरे पर भारत को शानदार जीत दिलवाने के लिए याद किया जाता है। वो 1971 से लेकर 1974 तक भारत के कप्तान रहे। उन्होंने 16 टेस्ट मैच में कप्तानी की, जिसमें से चार भारत ने जीते। वे भारतीय एकदिवसीय क्रिकेट टीम के पहले कप्तान थे, हालांकि उन्होंने दो मैच ही खेले। वाडेकर 1990 के दशक में मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी के दौरान भारतीय टीम के मैनेजर भी रहे थे। वह बाद में चयन समिति के अध्यक्ष भी रहे। घरेलू क्रिकेट में भी उनका प्रदर्शन काफी अच्छा रहा था। उन्होंने 1966-67 के रणजी ट्रॉफी मैच में 323 का सर्वश्रेष्ठ स्कोर मैसूर के विरुद्ध बनाया था। उन्होंने साल 1974 में अपना आखिरी टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ बर्मिंघम में खेला।