पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा ने फिर साधा मोदी सरकार पर निशाना

पुणे। समाचार ऑनलाइन

पूर्व केंद्रीय मंत्री औऱ वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने फिर एक बार नरेंद्र मोदी सरकार को निशाना बनाते हुए कहा है कि, देश में इन दिनों अघोषित इमरजेंसी जैसा माहौल है। सरकार द्वारा संसदीय व्यवस्था, संस्थाओं का अवमूल्यन किया जा रहा है। हर किसी को भय के माहौल में रखा जा रहा है। सियासी विरोधियों को बदनाम कर उन्हें खत्म किया जा रहा। इस अघोषित इमरजेंसी के खिलाफ सभी को एकजुट होकर लड़ना होगा औऱ यह बताना होगा कि हमारा देश जीवित है।

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युवक क्रान्ति दल के संस्थापक डॉ कुमार सप्तर्षि की ‘येरवडा यूनिवर्सिटी के दिन’ नामक मराठी पुस्तक के तीसरे संस्करण के विमोचन समारोह में शामिल होने के लिए बीते दिन वे पुणे पधारे थे। तिलक स्मारक मंदिर में आयोजित इस समारोह में सिन्हा ने यह भी कहा कि, इसके आगे से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बोलने की बजाय मुद्दों पर बोला जाना चाहिए। पुणे से पूरे देश को एक दिशा मिलनी चाहिये। बिगड़ते हालातों को संवारने के लिए पहल की जानी चाहिए। सवा सौ करोड़ जनता को भी अब चुप रह कर नहीं चलेगा। अगर जनता चाहे तो 1977 जैसे परिणाम मिल सकते हैं।

क्रांति दिन और युवक क्रांति दल के 17वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम में यशवंत सिन्हा ने यह भी कहा कि, इमरजेंसी के खिलाफ हुए आंदोलन में डॉ कुमार सप्तर्षि की भूमिका अहम थी। आज देश में पुनः वैसे हालात बन गए हैं। पिछली बार इमरजेंसी को संविधान का आधार था मगर इस बार काफी चतुराई से अघोषित इमरजेंसी लादी जा रही है। इसमें धर्मवाद, सांप्रदायिकता शामिल है। संसदीय व्यवस्था, जांच, न्याय व्यवस्था, मीडिया सभी अपने कब्जे में लेकर उन्हें अपने तरीके से नचाने का प्रयास जारी है। कैबिनेट मंत्रिमंडल दुर्दशा का शिकार बन गया है। सरकार में नम्बर दो के मंत्री को मेहबूबा मुफ्ती सरकार का समर्थन वापस लिए जाने की जानकारी न थी, नागा संबन्धी करार की जानकारी से गृहमंत्री अनजान थे। विदेश मंत्री को विदेश दौरे व कामकाज में शामिल नहीं किया जा रहा, वित्तमंत्री को नोटबन्दी की जानकारी न थी, ऐसे कई उदाहरण भी उन्होंने गिनाए।