पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की हालत गंभीर, लेकिन कोरोना नहीं

कोलकाता. ऑनलाइन टीम : पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य को सांस लेने में तकलीफ बढ़ने के बाद बुधवार को दोपहर में दक्षिण कोलकाता में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी तबीयत नाजुक बताई गई है, हालांकि उन्हें कोरोना नहीं है।बुद्धदेव भट्टाचार्य का नाम आते ही बंगाल से सीपीएम के 34 साल के मजबूत किले के खाक हो जाने का जिक्र होता है। भट्टाचार्य बंगाल में सीपीएम के आखिरी मुख्यमंत्री थे जो राज्य में औद्योगिक पुनर्जागरण को हकीकत बनना चाहते थे, उन्हें तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी से शिकस्त मिली थी। वह कभी देश के जाने-माने उद्योगपतियों की पसंद हुआ करते थे, लेकिन उनकी यही कामयाबी उनके पतन का कारण बन गई थी।

भट्टाचार्य का जन्म 1 मार्च 1944 में उत्तर कोलकाता में हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा शैलेंद्र सरकार विद्यालय से हुई थी। इसके बाद प्रेजिडेंसी कॉलेज से उन्होंने बंगाली में बीए ऑनर्स किया था। स्वभाव से क्रांतिकारी नेता भट्टाचार्य ने 1966 में सीपीएम जॉइन की। 1977 में वह उत्तर कोलकाता के कोसीपुर से पहली बार विधायत चुने गए। इसी साल ज्योति बासु के नेतृत्व में बंगाल में सीपीएम की सरकार बनी। 1982 के चुनाव में भट्टाचार्य कोसीपुर में कांग्रेस के प्रभुल कांति घोष से हार गए थे। हालांकि पांच साल बाद उन्होंने फिर हुंकार भरी और जादवपुर सीट से जीते।1987 से 1996 और 1996 से 1999 के बीच वह कैबिनेट मंत्री भी रहे। 6 नवंबर 2000 को ज्योति बासु की खराब सेहत के चलते वह बंगाल के मुख्यमंत्री बने। नंदीग्राम आंदोलन के दौरान बुद्धदेव भट्टाचार्य ने एक विवादित बयान दिया था जिसपर उन्होंने बाद में खेद जताया था।

बहरहाल, अभी वे जिंदगी के जंग लड़ रहे हैं। डॉक्टरों ने बताया कि फिलहाल उन्हें नॉन-इनवेसिव वेंटिलेशन पर रखा गया है। उनके ऑक्सीजन लेने की सीमा को 95 प्रतिशत पर रखा गया है।  वरिष्ठ डॉक्टरों की दो सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। साल 2000 से 2011 तक पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे भट्टाचार्य कुछ समय से श्वांस संबंधी दिक्कतों तथा आयु संबंधी अन्य बीमारियों से जूझ रहे हैं। उन्होंने 2018 में एमकेपी की केन्द्रीय समिति पोलित-ब्यूरो के साथ-साथ राज्य सचिवालय से भी इस्तीफा दे दिया था। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल जगदीप धनखड़ तथा सीपीआई की राज्य इकाई के सचिव सूर्य कांत मिश्रा ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।