चार साल बाद यूपी में मुस्लिम लोकसभा सांसद की जीत

2014 के आम चुनाव में उत्तरप्रदेश में किसी मुस्लिम प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई थी

पुणे समाचार

यूपी की कैराना लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) की प्रत्याशी तबस्सुम हसन के जीत दर्ज करते ही उत्तर प्रदेश को चार साल के बाद लोकसभा का पहला मुस्लिम सांसद मिल गया है। इससे पहले 2014 में संपन्न हुए आम चुनाव के दौरान सूबे में किसी भी मुस्लिम उम्मीदवार को जीत हासिल नहीं हुई थी।

गौरतलब हो कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और अपना दल ने मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन दोनों दलों ने एक भी मुस्लिम प्रत्याशी को टिकट नहीं दिया था। भाजपा-अपना दल के गठबंधन ने सूबे की 80 लोकसभा सीटों में से 73 सीटों पर जीत हासिल की थी।

इस बार उपचुनाव में रालोद प्रत्याशी तबस्सुम हसन ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा की मृगांका सिंह पर 44618 वोटों से जीत दर्ज की। इससे पहले 2009 के आम चुनाव में भी तबस्सुम हसन इसी सीट से सांसद चुनी गई थीं। तब उन्होंने भाजपा उम्मीद्वार हुकुम सिंह को हराया था।

चुनाव विश्लेषकों के मुताबिक इस उपचुनाव में तबस्सुम हसन को न सिर्फ मुस्लिम और दलित बल्कि रालोद के मुख्य वोट बैंक माने जाने वाले जाट और गुज्जरों के बड़े वर्ग का भी समर्थन हासिल हुआ है। जो 2014 के आम चुनाव के दौरान भाजपा की ओर चले गए थे। अपनी इस जीत पर हसन ने कहा, ‘विपक्षी दलों की एकजुटता ने यह साबित कर दिया कि लोकतंत्र कैसे काम करता है। जाति और धर्म को भुलाकर हम एकजुटता के साथ 2019 के आम चुनाव में भाजपा को शिकस्त देंगे।’

उधर, यूपी भाजपा के उपाध्यक्ष जेपीएल राठौर ने अपनी पार्टी की हार पर कहा, ‘विकास के ऊपर फतवा भारी पड़ गया।’