पौधारोपण के नाम पर खा गए करोड़ों, अब दिखते हैं केवल ट्री-गार्ड

नागपुर : समाचार ऑनलाइन – राज्य भर में काफी जोर-शोर से पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया था। उद्देश्य था प्रदेश को हरा-भरा करना, लेकिन प्रदेश तो हरा-भरा नहीं हुआ, ठेकेदारों और अफसरों के बैंक-बैंलेस जरूर हरे-भरे हो गए। लालफीताशाही का नजारा अब सड़क किनारे टूटे-फूटे ट्री-गार्ड को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। पौधारोपण मंे गड़बड़ियों के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे हैं। ताजा मामला नेशनल हाइवे ऑफ अथॉरिटी (एनएचएआई) द्वारा राष्ट्रीय महामार्ग पर (बोरखेड़ी से जाम तक) किए गए पौधारोपण से संबद्ध है। यहां जमकर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं  स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन पौधारोपण कर सिर्फ कागज में आंकड़ों की खानापूर्ति कर रहा है। छोटे पौधे बड़े कैसे होंगे, इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। कॉन्ट्रैक्ट की शर्ते सिर्फ कागजों तक सीमित है।

कमी, जो आप भी देख सकते हैं
-पौधों को सुरक्षित करने के लिए लगाए जाने वाले ट्री-गार्ड छोटे हैं और गैप बड़ा है। जानवर आसानी से मुंह उसमें डालकर पौधों को नष्ट करते हैं।
-पौधों को बढ़ने के लिए जो खुराक आवश्यक है, जैसे पानी वह भी नहीं दी जा रही है। जिस कारण कई पौधे बाल-उम्र में ही दम तोड़ रहे हैं।
– पौधारोपण करते समय कौन सी प्रजाति के पौधे लगाने चाहिए, इसका भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। निगरानी के अभाव में वह दम तोड़ रहे हैं।

पूरे राज्य भर में हुआ था पौधारोपण
यह तो मात्र बानगी है। प्रदेश भर में पौधारोपण जोर-शोर के साथ किया गया था। अगर स्वतंत्र एजेंसी से सही ढंग से पौधारोपण की जांच की जाए, तो भ्रष्टाचार के एसे अनेकों मामले सामने अा सकते हैं और यह घोटाला कई करोड़ में पहुंच सकता है। क्योंकि लगाए गए पौधे अब तो बचे नहीं, या फिर बचे भी हैं, तो भरोसा नहीं कि वे देख-रेख के अभाव में बड़े हो भी पाएंगे।