रिपोर्ट के मुताबिक संशोधन के इस प्रस्ताव में कानून का उल्लंघन करने वाली वेबासाइट्स और ऐप्स को बंद करने तक का प्रावधान होगा। पिछले महीने मंत्रालय ने गूगल, फेसबुक, वॉट्सऐप, ट्विटर और दूसरी इंटरनेट कंपनियों के आला अधिकारी से बातचीत की है। इस दौरान इन बदलाव के बारे में बातचीत की गई है और इस मामले पर 15 जनवरी तक फीडबैक मांगा गया है।
ये संशोधन से मुख्य रूप से वॉट्सऐप, गूगल, फेसबुक, ट्विटर और दूसरे चैटिंग ऐप्स प्रभावित हो सकते हैं। क्योंकि सरकार वॉट्सऐप से फेक न्यूज का ऑरिजिन बताने को लगातार कंपनी पर दबाव डाल रही है। वॉट्सऐप पर न सिर्फ फेक न्यूज तेजी से वायरल हो रहे हैं, बल्कि चाइड पॉर्न भी धड़ल्ले से शेयर किए जाते हैं। अगर ये डेटा प्रोटकेशन बिल में सरकार ने इसका उल्लंघन करने वाली कंपनियों से अधिकतम 15 करोड़ रुपये या दुनिया भर की कमाई का 4% हिस्सा (इनमें से जो भी ज्यादा हो) बतौर पेनाल्टी वसूली जाएगी।