खुशखबरी: यहां एफडी पर पाए 10.1 फीसदी ब्याज!

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – फ्यूचर इंटरप्राइजेज लिमिटेड (एफईएल) द्वारा नई एफडी पेश की गयी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें निवेशक को 10.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। बता दें कि एफईएल में बिग बाजार,एफबीबी ( फैशन बिग बाजार), होम टाउन जैसे ब्रैंड आते है। साथ ही बैंक ही नहीं बल्कि एनबीएफसी और मैनुफैक्चरिंग कंपनियां भी एफडी लाती है।

रिपोर्ट के अनुसार, एफईएल में एफडी कराने के लिए निवेशकों को न्यूनतम 10 हजार रुपये जमा कराना होगा। इसकी अवधि 1,2 या 3 वर्ष हो सकती है। इसमें सिर्फ भारतीय नागरिक ही निवेश कर सकते हैं जिनके पास पैन कार्ड हो। इसके अलावा इसमें संयुक्त रूप से एक से अधिक लोगों के नाम से भी निवेश किया जाता है।

अवधि और ब्याज दर –
– 3 साल की अवधि के लिए इस योजना में क्युमुलेटिव स्कीम के तहत निवेश करते हैं तो आपको 10.1 फीसदी सालाना की दर से ब्याज मिलेगा।

– 2 साल की अवधि के लिए यह दर 9.6 फीसदी।

– एक साल की अवधि के लिए यह दर 9.1 फीसदी होगी।

लेकिन, अगर आप नॉन-क्युमुलेटिव स्कीम के तहत निवेश करते है तो आपको एक साल की अवधि के लिए 9फीसदी, दो साल की अवधि के लिए 9.5 फीसदी और 3 साल की अवधि के लिए 10 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा।

बता दें कि एफडी में किए गए निवेश पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री नहीं, लेकिन सालाना 5 हजार रुपये तक का ब्याज टैक्स-फ्री है। यह टैक्स कंपनी काटकर सरकार के पास जमा करेगी और आपको 15जी/एच फॉर्म सबमिट करना होगा। कंपनियों की एफडी अनसिक्योर्ड होती है, हालांकि एफईएल की एफडी को केयर रेटिंग्स ने स्टेबल की श्रेणी में रखा है। इसका अर्थ यह है कि इसमें निवेशकों की पूंजी सुरक्षित है। यह रेटिंग पिछले साल 1 नवंबर को जारी की गई थी लेकिन निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि रेटिंग्स समय के अनुसार बदलती है और जरूरी नहीं है कि एफडी की पूरी अवधि के दौरान यह समान ही रहे।

फिक्स्ड इनकम इंवेस्टमेंट्स के रूप में जितने भी विकल्प निवेशकों के सामने होते हैं, उनमें रिस्क होने के मामले में कंपनी एफडी भी शामिल है। अगर कोई कंपनी डिफॉल्ट होती है तो पहले उसमें आपकी जो भी एफडी होती थी, वो पूरी डूब जाती थी। कंपनी एक्ट 2013 में इस नियम में बदलाव कर निवेश को सुरक्षित किया गया। इस एक्ट के तहत सिर्फ वह कंपनियां ही पब्लिक से डिपॉजिट जुटा सकती हैं जिनकी कुल पूंजी 100 करोड़ रुपये से अधिक हो या उनका टर्नओवर 500 करोड़ रुपये से अधिक हो। बैंकों में निवेशकों की एफडी 1 लाख रुपये तक इंश्योर्ड होती है जबकि कंपनी में 20 हजार रुपये (ब्याज सहित जमा राशि) तक की एफडी ही इंश्योर्ड होती है। पुणे समाचार की ओर से आपको सूचित किया जाता है कि कोई भी पॉलसी को जब आप अप्लाई करते है तो उसके टर्म एंड कंडीशन को अच्छे से पढ़ ले।