खुशखबरी! नीति आयोग से नदी योजना के लिए मिलेगा 200 करोड़!

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – नदियों के पुनर्जीवन का प्रस्ताव नीति आयोग के पास मंजूरी हेतु अंतिम चरण में है। उसे मंजूरी मिलने के बाद पिंपरी-चिंचवड़ से बहने वाली पवना व इंद्रायणी नदियों के पुनर्जीवन के लिए 150 से 200 करोड़ का फंड प्राप्त हो सकेगा। यह कार्य यदि सरकार की अमृत योजना के अंतर्गत किया जाए तो करीब 50 करोड़ रुपए की बचत हो सकती है। इसके बावजूद मनपा के पर्यावरण एवं इंजीनियरिंग विभाग ने इस प्रोजेक्ट के टेंडर जारी करने हेतु जल्दबाजी की। 144.50 करोड़ का टेंडर जारी करने के पीछे कहीं ङ्गदाल में कालाफ है, यह संदेह बीजेपी नगरसेवक संदीप वाघेरे  द्वारा व्यक्त किए जाने से निविदा प्रक्रिया विवाद के घेरे में आ गई है।

नगरसेवक संदीप वाघेरे ने मनपा आयुक्त श्रवण हर्डिकर को ज्ञापन देकर इस निविदा प्रक्रिया पर आपत्ति जताई है। ज्ञापन में कहा गया है कि पिंपरी-चिंचवड़ मनपा क्षेत्र में नदी पुनर्जीवन योजना के अंतर्गत पवना नदी के लिए 96.85 करोड़, इंद्रायणी नदी के लिए 47.65 करोड़ की निविदा राष्ट्रीय स्तर पर जारी की गई है। फिलहाल मनपा के ड्रेनेज विभाग द्वारा अमृत योजना के अंतर्गत ड्रेनेज लाइन बिछाने का कार्य जारी है। इस कार्य के लिए 2016-17 की डीपीआर के अनुसार ठेकेदार को 7 मार्च 2018 को वर्क-ऑर्डर जारी किया गया। मार्च 2016 से मार्च 2018 तक दो सालों में अमृत योजना की डीपीआर में शामिल अधिकांश ड्रेनेज लाइनें मनपा के फंड से बिछाई गई हैं। इस वजह से अमृत योजना के प्रस्तावित ड्रेनेज लाइनों के खर्च में 27.10 करोड़ रुपए की बचत हुई है।

मनपा को अपने पास से भारी खर्च करना पड़ेगा : वाघेरे
नगरसेवक संदीप वाघेरे द्वारा मनपा आयुक्त को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि, ङ्गमहाराष्ट्र की 17 नदियों के पुनर्जीवन का प्रस्ताव राज्य सरकार द्वारा नीति आयोग को भेजा गया है। ङ्गमहाराष्ट्र स्वच्छ नदी अभियानफ के अंतर्गत नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के लिए 3,800 करोड़ रुपए के प्रावधान की मांग राज्य सरकार ने की है। राज्य के पर्यावरण विभाग ने राज्य की 77 में से 17 नदियों के 21 चरण वाली यह योजना तैयार की है। पहले इन 21 चरणों के कार्य किए जाएंगे। प्रदूषित नदियों के लिए स्थानीय स्वायत्त संस्थाओं के माध्यम से यह प्रोजेक्ट पूर्ण किया जाएगा। इनमें पवना व इंद्रायणी नदियां भी शामिल हैं।