छोटे और मझोले कारोबारियों के लिए खुशखबरी, मुफ्त में मिलेगा GST सॉफ्टवेयर 

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – जीएसटी से परेशान कारोबारियों के रोज कुछ ऐसा किया जा रहा जिससे उनके कारोबार करने के रास्ते की मुश्किलें कम होती जाये। अब जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन ) में रजिस्टर्ड छोटे और मझोले किस्म के कारोबारियों के लिए एक खास सुविधा देने की दिशा में कदम आगे बढ़ाया गया है। जीएसटीएन ने 1. 5 करोड़ रुपए तक वार्षिक कारोबार करने वाले सूझ्म, लघु और मझोले उदयमो को मुफ्त में लेखा जोखा और बिल बनाने के सॉफ्टवेयर देने की पेशकश की है।

सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराएगी
जीएसटीएन ने एक बयान में कहा कि यह सॉफ्टवेयर कंपनियों को बिल और उनके खातों की डिटेल तैयार करने, स्टॉक के माल का मैनेजमेंट और जीएसटी रिटर्न तैयार करने में मदद करेगा। बयान में कहा गया, ” जीएसटीएन ने एक वित्त वर्ष में 1. 5 करोड़ रुपए से कम कारोबार करने वाले एमएसएमई को सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराने के लिए बिल और एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर विक्रेताओं के साथ गठजोड़ किया है ।

एमएसएमई डिजिटल सिस्टम की ओर आगे बढ़ेगा
जीएसटीएन के सीईओ प्रकाश कुमार ने कहा कि इस पहल से एमएसएमई डिजिटल सिस्टम की ओर आगे बढ़ेगा।  इससे उनकी कार्यछमता बढ़ेगी और अनुपालन बोझ कम करने में मदद मिलेगी। यह सॉफ्टवेयर www.gst.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है। बयान के अनुसार करीब 80 लाख एमएसएमई ऐसे है जिसका कारोबार 1. 5 करोड़ रुपए से कम है।

जीएसटी परिषद् ने ई-बिल निकालने में कारोबारी सीमा और तौर तरीको पर गौर करने के लिए दो समूह का गठन किया है। एक उप समूह ई-इनवॉइस के लिए व्यापर सिस्टम, नीति एवं क़ानूनी पहलुओ का परिक्षण करेगा और दूसरा इसके क्रियान्वयन को लेकर तकनीकी पहलुओ के बारे में शिफारिस देगा।

दो उप-समूह का गठन
इस बीच, जीएसटी परिषद ने कंपनियों के बीच होने वाले कारोबार के लिये ई-बिल निकालने में कारोबारी सीमा और उसके सृजन के तौर-तरीकों जैसी पहलुओं पर गौर करने के लिये दो उप-समूह का गठन किया है। एक उप-समूह ई-इनवॉयस के लिए व्यापार प्रक्रिया, नीति एवं कानूनी पहलुओं का परीक्षण करेगा वहीं दूसरा इसके क्रियान्वयन को लेकर तकनीकी पहलुओं के बारे में अपनी सिफारिशें देगा।