खुशखबर…अब साल में एक बार सभी कामगारों को मिलेगा यात्रा भत्ता, देश में पहली बार ऐसी सुविधा 

नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : कोरोनाकाल में कामगारों की परेशानी को दुनिया ने देखा। हतप्रभ करने वाले दृश्य देश भर में देखे गए। इस दौरान अधिकतर कंपनियों ने अपना पल्ला झाड़ लिया और इस वजह से मजदूरों को कई तरह की परेशानी हुई। अब केंद्र सरकार ने उनकी परेशानियों को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। योजना में किसी भी संस्थान के कामगारों को साल में एक बार अंतरराज्यीय यात्रा के लिए भत्ता दिया जाएगा। कामगार को ट्रेन में कम से कम द्वितीय श्रेणी के सफर की सुविधा मिलेगी। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की अधिसूचना में यह बात शामिल कर ली गई है।एक माह के बाद इसे अंतिम रूप देकर लागू कर दिया जाएगा।
इसमें यह भी सुविधा है कि यदि कामगार रोजगार वाली जगह से अपने गृह राज्य में बस से जाता है, तो भी उसे निर्धारित भत्ता राशि दी जाएगी। यदि कोई कामगार एक साल की अवधि के बीच में अपना नियोक्ता बदल लेता है तो भी उसे यात्रा भत्ता दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए कामगार को अपने नए नियोक्ता यानी प्रतिष्ठान को एक शपथ पत्र देना होगा। इसमें लिखा होगा कि उसने अपने पूर्व नियोक्ता के यहां पर 180 दिन की कार्य अवधि पूरी की है और उसने कोई यात्रा भत्ता नहीं लिया है
यही नहीं, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा कामगारों के हितों की रक्षा करने और उनकी शिकायतों का निवारण करने के लिए एक टोल फ्री नंबर जारी किया जाएगा। इस नंबर पर कोई भी कामगार अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है।  सभी योजनाओं पर नजर रखने के लिए एक सिस्टम तैयार किया जाएगा। इसके लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों और संगठनों से राय लेने की बात कही गई है।

दरअसल, केंद्र सरकार के लेबर कोड बिल को सदन से मंजूरी मिली है। इसमें प्रावधान है कि प्रवासी मजदूरों को साल में एक बार अपने गृह नगर की यात्रा के लिए कंपनी से यात्रा भत्ता मिलेगा। बता दें कि लेबर कोड बिल के एक अन्य प्रावधान में कंपनी अपने कामगारों का हेल्थ चेकअप भी करवाएगी। इसके मुताबिक एक निर्धारित उम्र से अधिक आयु वाले कामगारों के लिए साल में एक बार निःशुल्क चिकित्सा जांच कराना अनिवार्य है साथ ही कामगारों को नियुक्ति पत्र प्राप्त करने का कानूनी अधिकार दिया गया है। ये नियम पहली बार लागू हो रहा है।